बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सीट बाँटने की घोषणा जल्द ही हो सकती है। इससे पहले, एनडीए और महागठबंधन के बीच सीटों के साझा करने पर माथापच्ची चल रही है।

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले, रैलियों, यात्राओं और जनसंपर्क अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन एनडीए और महागठबंधन के दोनों प्रमुख गठबंधनों में सीटों के मामले में सहमति नहीं हो रही है। गठबंधन में शामिल पार्टियाँ अधिक से अधिक सीटों को अपने खेमे में लाना चाहती हैं, इसलिए दिल्ली से लेकर पटना तक बैठकें लगातार हो रही हैं। इस बीच, नीतीश कुमार ने पिछले दिनों राजपुर सीट पर उम्मीदवार की घोषणा कर बीजेपी को असहज कर दिया। 2020 के विधानसभा चुनाव में, एनडी में शामिल जेडीयू ने 243 सीटों में 115 उम्मीदवार उतारे थे और बीजेपी ने 110 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। उस चुनाव में, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (सेक्युलर) को सात सीटें दी थी। उस समय बीजेपी के साथ गठबंधन में थी मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने 11 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे।

2020 के चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने एकल चुनाव लड़ा था। उस समय पार्टी एकजुट थी। हालांकि, अब पार्टी दो गुटों में विभाजित है और चिराग पासवान की एलजेपी (आर) नीतीश कुमार के एनडीए के साथ है। एलजेपी (आर) अधिक सीटों की मांग कर रही है। एलजेपी ने हर सीट पर जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे। परिणाम था कि जदयू तीसरे स्थान पर आ गई। वहीं, बीजेपी को 74 सीटें मिली। हालांकि, इस बार भी बीजेपी और जेडीयू का संयुक्त फॉर्मूला बदलने की संभावना कम है और नीतीश कुमार ही अहम भूमिका में रहेंगे। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हम और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) जैसे सहयोगी दल अपने लिए अधिक सीटों को हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, जल्द ही एनडीए की बैठक होगी और इस बैठक में सीटों का बंटवारा हो सकता है। चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा कि बिहार में सीटों का बंटवारा जल्द होगा।
चिराग पासवान के पार्टी के लिए एक नसीहत!
चिराग पासवान की पार्टी 40 सीटों तक की मांग कर रही है। जमुई से सांसद अरुण भारती ने सीटों की मांग करते हुए 2020 के चुनाव का जिक्र किया है। उन्होंने 7 सितंबर को कहा, कार्यकर्ता ही हमारी पार्टी की असली रीढ़ हैं। पार्टी के लिए जी-जान से मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की यह स्वाभाविक उम्मीद होती है कि एक दिन उन्हें भी पार्टी की तरफ से जनप्रतिनिधि बनकर जनता की सेवा करने का अवसर मिले। 2020 में जब गठबंधन धर्म के कारण हम अपने कार्यकर्ताओं की इस भावना और उम्मीदों को पूरा नहीं कर सके, तब हमने अकेले चुनाव लड़ने का साहसिक निर्णय लिया। यह केवल चुनावी राजनीति नहीं थी, बल्कि अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान था। अरुण भारती ने एक्स पर लिखा, ”भले ही उस चुनाव में हम केवल एक सीट जीत पाए, लेकिन सच्चाई यह है कि 137 सीटों पर चुनाव लड़कर हमें 6% वोट मिला था। अगर हम पूरे 243 सीटों पर चुनाव लड़ते, तो हमारा वोट प्रतिशत 10% से भी अधिक होता। यह हमारे कार्यकर्ताओं की ताक़त और जनता के विश्वास का जीता-जागता सबूत था।”
क्या बोले जीतन राम मांझी?
जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए में सीट बंटवारे पर केंद्रीय नेतृत्व का फैसला ही अंतिम होगा. सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है.

एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर पूछे गए सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हम सभी मिलकर 243 सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसकी जानकारी उचित मंच पर साझा की जाएगी। कुशवाहा ने यह भी जोड़ा कि सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा करने से कोई लाभ नहीं है, बल्कि इससे नुकसान ही हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे को लेकर बनी संभावित तस्वीर में जेडीयू 102, बीजेपी 101, एलजेपी (रामविलास) 20, हम पार्टी 10 और आरएलएम 10 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।

महागठबंधन में क्या है चर्चा?
महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) के तहत आरजेडी, लेफ्ट दलों, मुकेश सहनी की वीआईपी और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर मंगलवार, 9 सितंबर को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, बिहार स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन, बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, कन्हैया कुमार, सांसद पप्पू यादव और रंजीत रंजन शामिल हुए।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता कृष्णा अल्लावरू ने बताया कि इस दौरान राहुल गांधी की हालिया “वोटर अधिकार यात्रा” की समीक्षा की गई। साथ ही उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग और अन्य मुद्दों को लेकर गठबंधन के सहयोगी दलों से बातचीत जारी है।
कब तक फाइनल होगा फॉर्मूला?
राजेश राम ने कहा कि सीटों को लेकर सभी चर्चाएं INDIA गठबंधन की बैठक में हो चुकी हैं. सीटों का ब्यौरा बाद में साझा किया जाएगा.
महागठबंधन में चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस की पार्टी एलजेपी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम को भी जगह देने की चर्चा है. पशुपति पारस ने सोमवार (8 सितंबर) को कहा कि हम महागठबंधन के साथ हैं, आगे जो भी महागठबंधन के कार्यक्रम होंगे, वहां मैं भी उपस्थित रहूंगा. 15 सितंबर से 20 सितंबर तक महागठबंधन में सीट का बंटवारा हो जाएगा.
कांग्रेस की घटेगी सीटें?
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार आरजेडी उसे केवल 50 से 55 सीटें देने के पक्ष में है। हालांकि सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस 60 सीटों पर दावेदारी कर सकती है, जबकि आरजेडी इस बार 140 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
सूत्रों के मुताबिक, इंडिया गठबंधन के संभावित सीट बंटवारे का प्रारूप कुछ इस प्रकार हो सकता है:
- आरजेडी: 122–124 सीटें
- कांग्रेस: 58–62 सीटें
- लेफ्ट पार्टियां: 31–33 सीटें
- वीआईपी: 20–22 सीटें
- एलजेपी (पासवान गुट): 58–62 सीटें
- झामुमो (JMM): 2–3 सीटें
हालांकि, यह आंकड़े फिलहाल शुरुआती बातचीत पर आधारित हैं और अंतिम निर्णय औपचारिक वार्ता के बाद ही तय होगा।

बिहार चुनाव 2025: VIP ने मांगी 50 सीटें, राहुल गांधी के साथ दिखे मुकेश सहनी, विपक्ष की बढ़ती एकजुटता
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर मंथन जारी है। दिलचस्प बात यह है कि विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने 50 सीटों की मांग रखी है। सहनी हाल ही में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान लगातार उनके साथ नजर आए, जिससे विपक्षी दलों के बीच एकजुटता का संदेश गया है।
2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के तहत आरजेडी ने 144 और कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उस समय गठबंधन में भाकपा (माले), भाकपा और माकपा भी शामिल थे। भाकपा (माले) ने 19, भाकपा ने 6 और माकपा ने 4 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे।
कुल 243 सीटों में से आरजेडी ने 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा हासिल किया था। कांग्रेस को अपने 70 में से सिर्फ 19 सीटों पर जीत मिली, जबकि भाकपा (माले) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 19 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की और गठबंधन में सबसे बेहतर स्ट्राइक रेट दिखाया।