हाल ही में, हार्ट अटैक के पैटर्न में काफी बदलाव देखा गया है। पहले, इसे बड़ी उम्र के लोगों में होने का खतरा माना जाता था, लेकिन अब यह हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। बच्चों में हार्ट अटैक के लक्षण कैसे होते हैं, इसके बारे में जानकारी देते हैं।

हार्ट अटैक आमतौर पर बड़े उम्र के लोगों में होता है, लेकिन खराब जीवनशैली, अन्यायपूर्ण आहार, व्यायाम की कमी, धूम्रपान, नशा और अधिक तनाव किशोरों में भी हार्ट प्रॉब्लम बढ़ा सकते हैं. यह समय से पहले दिल की बीमारियों और हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.

किशोरों में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर वयस्कों से थोड़े अलग या हल्के हो सकते हैं। इसलिए माता-पिता और बच्चे को जागरूक होना बहुत जरूरी है।

छाती में दर्द या असहजता सबसे सामान्य लक्षण है। किशोरों को चेस्ट में दबाव, कसाव, भारीपन या सिकुड़न महसूस हो सकती है। यह दर्द कुछ मिनटों के लिए हो सकता है या बार-बार आ-जा सकता है।

सांस लेने में कठिनाई या अचानक हवा की कमी महसूस करना एक चेतावनी हो सकता है। यह अचानक या धीरे-धीरे बढ़ सकता है और दिल की समस्या का संकेत भी हो सकता है।

दर्द शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है जैसे कि हाथ (अक्सर बायां हाथ), पीठ, गर्दन, जबड़ा या पेट। यह अक्सर मांसपेशियों की खिंचाव या एसिडिटी के रूप में भी समझा जाता है, लेकिन सही समय पर इसे पहचानना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

चक्कर आना या हल्का महसूस होना भी गंभीर संकेत है। तेज़ या अनियमित धड़कन, धुंधली दृष्टि, अचानक थकान के साथ यह लक्षण हार्ट प्रॉब्लम का इशारा कर सकते हैं.

चक्कर आना या हल्का महसूस होना भी गंभीर संकेत है. तेज़ या अनियमित धड़कन, धुंधली दृष्टि, अचानक थकान के साथ यह लक्षण हार्ट प्रॉब्लम का इशारा कर सकते हैं.
कुछ युवाओं को मतली, उल्टी या अचानक पसीना आना भी हो सकता है। यह अक्सर फ्लू या चिंता समझा जाता है, जिससे समय पर उपचार नहीं होता और जोखिम बढ़ जाता है।

यदि इन लक्षणों में से कोई दिखाई दे, विशेषकर छाती में दर्द या सांस लेने में कठिनाई, तो तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सहायता लें। समय पर उपचार से गंभीर समस्याओं और हृदय को नुकसान से बचाया जा सकता है।