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Friday, September 19, 2025
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63 साल के दौरान तीन बार यमुना ने लक्ष्मण रेखा पार की है, जानिए कब-कब दिल्ली वालों ने इस मुसीबत का सामना किया है।

दिल्ली में बाढ़ की चेतावनी: यमुना नदी एक बार फिर खतरे के निशान से गुजर गई है। यह 63 साल में तीसरी बार हुआ है। इस बार 3 सितंबर 2025 की रात को यमुना का जलस्तर 207.43 मीटर तक पहुंच गया।

भारत की राजधानी दिल्ली एक बार फिर उन खतरनाक पार कर गई है, जिन्हें बाढ़ कहा जाता है. यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे प्रशासन भी चिंतित है. दिल्ली पुलिस ने यमुना नदी के आसपास के इलाकों को खाली करने का आदेश दिया है. यह तीसरी बार है जब यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई है, पिछली बार 1978 और 2023 में इसने ऐसा किया था. 3 सितंबर 2025 को यमुना का जलस्तर 207.43 मीटर तक पहुंच गया था, जो काफी खतरनाक है. ऐसा दिल्ली वालों के लिए पहली बार नहीं है, जोने यमुना के कारण मुसीबत झेली हैं।

2025 जब फिर डूबने लगी दिल्ली

इस साल सितंबर 2025 में यमुना का जलस्तर 207.43 मीटर तक पहुंच गया, जिससे दिल्ली के कई इलाकों में बाढ़ आ गई. हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा. निगमबोध घाट, दिल्ली का सबसे पुराना और बड़ा श्मशान घाट पानी में डूब गया. बेला रोड, मजनू का टीला, आईएसबीटी, सोनिया विहार, गीता कॉलोनी जैसे इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए. दक्षिणी दिल्ली के गीतांजलि एनक्लेव में तो गर्दन तक पानी भर गया, जिसकी वजह मुंगेशपुर नाले में आई दरार थी. 14,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया. आईटीओ, मयूर विहार और गीता कॉलोनी में राहत शिविर बनाए गए. इस बाढ़ ने न सिर्फ लोगों के घरों को प्रभावित किया, बल्कि किसानों के लिए भी बड़ी मुश्किल बनकर सामने आई. पल्ला गांव, बुराड़ी, वजीराबाद जैसे इलाके जहां सब्जियां, फूल और धान की खेती होती है, वो सब पानी में डूब गए, लाखों रुपये की फसलें बर्बाद हो गईं.

यमुना का सबसे ऊंचा जलस्तर रिकॉर्ड

11 जुलाई 2023 को यमुना ने अपने सबसे ऊंचे जलस्तर का रिकॉर्ड तोड़ दिया था, जो 208.66 मीटर था. यह अब तक का सबसे अधिक जलस्तर था. इस बाढ़ में भी दिल्ली के बड़े हिस्सों में पानी में डूबे लोग थे और लाखों लोग प्रभावित हुए थे. प्रशासन को बड़े स्तर पर राहत कार्य चलाने पड़े थे.

जब आई थी सदी की सबसे बड़ी बाढ़

9 सितंबर 1978 को यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक बढ़ गया था। उस समय दिल्ली में बाढ़ के खिलाफ सिस्टम उतना मजबूत नहीं था जितना आज है। इस बाढ़ ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया था, और दिल्ली की सड़कों, बस अड्डों, बाजारों, और कॉलोनियों में पानी भर दिया था। इसे दिल्ली की सबसे बड़ी बाढ़ कहा गया था।

बाढ़ क्यों बार-बार आती है?
1. भारी बारिश – जब उत्तराखंड और हिमाचल जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश होती है, तो यमुना में पानी बढ़ने लगता है।
2. हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ना – जब बांधों में पानी अधिक भर जाता है, तो उसे छोड़ना पड़ता है, जिससे यमुना अचानक उफान पर आ जाती है।
3. निचले क्षेत्रों की खराब स्थिति – दिल्ली में कई क्षेत्र यमुना के किनारे स्थित हैं, जो बहुत ही निचले हैं। जैसे ही यमुना का जलस्तर बढ़ता है, ये क्षेत्र सबसे पहले प्रभावित होते हैं।
4. अवैध निर्माण – यमुना के किनारे बहुत से अवैध निर्माण हो गए हैं, जिससे नदी के प्राकृतिक बहाव में दिक्कत आती है।

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