अमेरिकी विशेषज्ञ एश्ले ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर का क्रेडिट चाहते थे, लेकिन भारत ने इस मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया।

अमेरिकी टैरिफ के बारे में दुनियाभर में बहुत चर्चा हो रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया है। इस बीच, अमेरिका के सामरिक मामलों के विशेषज्ञ एश्ले जे टेलिस ने कहा है कि ट्रंप महसूस कर रहे हैं कि उन्हें खुद को ठगा जाता है, क्योंकि उन्हें इस साल मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर का क्रेडिट नहीं मिला था। हालांकि, ट्रंप ने कई बार खुद ही सीजफायर का क्रेडिट ले चुके हैं।
अमेरिकी विशेषज्ञ एश्ले जे टेलिस ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि ट्रंप महसूस कर रहे हैं कि उन्हें ठगा गया है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के संघर्ष में रुकावट डाली थी। इसलिए, उन्हें क्रेडिट देना चाहिए था, यह उनके हक की बात है।” भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाया था जिसमें सौ से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया था। जब पाकिस्तानी सेना ने भी कदम उठाया तो भारत ने उसे करारा जवाब दिया।
ट्रंप ने किया था सीजफायर करवाने का दावा
इस साल 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति हुई थी। इसके कुछ घंटे बाद ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट साझा की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि भारत और पाकिस्तान ने सीजफायर के लिए सहमति दी है। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि अमेरिका के सहयोग से सीजफायर पर सहमति हुई है।
ट्रंप ने क्यों बढ़ाया भारत पर टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप को भारत से कई कारणों से नाराज़ी है। उन्हें नोबेल पुरस्कार चाहिए था, लेकिन भारत ने उनकी आशा पर पानी फेर दिया। पिछले महीने, ट्रंप ने सत्य पर पोस्ट साझा करके कहा था कि उन्होंने छह बार युद्ध रोका है। इसके बाद, ट्रंप ने भारत के खिलाफ कठोर रवैया अपनाया। उन्होंने उस पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस पर रूस से तेल खरीदने के लिए विवाद खड़ा किया और कहा कि रूस अपनी कमाई को यूक्रेन युद्ध में लगा रहा है।