Tuesday, August 26, 2025
spot_img

Latest Posts

“हाई टैरिफ की धमकी पर भारत का पलटवार तय – अमेरिका को घेरने की 3 रणनीति तैयार”

ट्रंप टैरिफ: भारत और अमेरिका के बीच चली लंबी व्यापारिक वार्ता बेनतीजा रही थी पहले। इस मुद्दे के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि अमेरिका चाहता है कि भारत उसके लिए एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर खोले। यह मामला बहुत महत्वपूर्ण है और इसे समझना जरूरी है।

US उच्च मुद्रास्फीति: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए अतिरिक्त 25 प्रतिशत मुद्रास्फीति का प्रभाव बुधवार को होगा. वाशिंगटन ने मंगलवार को औपचारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. इसके बाद, भारत पर कुल मुद्रास्फीति दरें 50 प्रतिशत बढ़ जाएंगी क्योंकि इस महीने की शुरुआत में 25 प्रतिशत की बेस मुद्रास्फीति लग गई है. इससे भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा जिनपर अमेरिका ने सबसे अधिक मुद्रास्फीति लगाई है. पीएम मोदी ने देश के किसानों की प्राथमिकता पर विशेष ध्यान देने का बयान दिया है. भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक वार्ता में इस बार अनदेखी रही है. अमेरिका चाहता है कि भारत उसके लिए कृषि और डेयरी क्षेत्र को खोले, जिसके लिए भारत तैयार नहीं है क्योंकि देश के किसानों का हित इसमें प्रधान है।

अब क्या है विकल्प?

ऐसा सवाल उठता है कि जब अमेरिकी उच्च टैरिफ भारत पर प्रभावशाली हो जाएगा, तो क्या केंद्र सरकार के पास इसका सामना करने के लिए कुछ विकल्प बचेंगे? चलिए जानते हैं।

  1. भारत की तरफ से अमेरिका में करीब 87 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया जाता है, जो भारतीय इकोनॉमी के करीब ढाई प्रतिशत के बराबर है. नई दिल्ली की तरफ से जो प्रोडक्ट्स अमेरिका को एक्सपोर्ट किए जाते हैं, वे प्रमुख रूप से हैं– लेदर, ज्वैलरी, टैक्सटाइल, कैमिकल्स, ऑटो पार्ट्स और मरीन प्रोडक्ट्स. हालांकि, इसमें फार्मास्युटिकल्स, सेमीकंडक्टर्स और एनर्जी रिसोर्सेज जैसे कुछ सेक्टर्स को इस टैरिफ से पूरी तरह छूट दी गई है. ऐसे में भारत को अब साउथ ईस्ट एशिया, यूरोप और अफ्रीकी देशों में निर्यात बढ़ाने की कोशिश करनी होगी और अमेरिकी निर्भरता कम करनी होगी.
  2. अमेरिकी हाई टैरिफ के बाद भारतीय निर्यातकों के लिए यूएस बाजार में प्रतिस्पर्धा कर टिके रहना मुश्किल हो जाएगा. क्योंकि अन्य देशों पर भारत के मुकाबले टैरिफ की दरें काफी कम होंगी. ऐसी स्थिति में भारत के पास यह विकल्प बनता है कि वह जहां दूसरे बाजारों की तरफ रुख करे, वहीं दूसरी तरफ घरेलू स्तर पर उद्योगों को सब्सिडी दे. घरेलू सामानों के उपभोग को बढ़ावा दे. इससे भारत की आर्थिक रफ्तार पर यूएस टैरिफ का असर बेहद कम होगा.
  3. जिस तरह से रूस के साथ भारत ने तेल की खरीदारी की है, जिसकी वजह से खफा होकर अमेरिका ने 25 प्रतिशत पेनाल्टी लगाई है, ऐसे में भारत को अब रूसी बाजार में अपनी दखल बढ़ानी चाहिए. रूस की तरफ से यह कहा भी गया है कि वह भारत के लिए अपनी इकोनॉमी को खोलने के लिए तैयार है. ऐसे में भारत को उस विकल्प पर आगे बढ़ना चाहिए.

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.