जब मौसम बदलता है, तो विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है जैसे खांसी-जुकाम, वायरल बुखार, डेंगू और न्यूमोनिया। यहाँ छह महत्वपूर्ण बीमारियाँ हैं जिनके खतरे से सावधान रहने की जरूरत है।

अचानक तापमान की उचाई और कमजोर इम्यूनिटी के कारण, शरीर पर अनियंत्रित ठंडी-गर्मी की मार चढ़ जाती है। यही कारण है कि इस समय लोग अक्सर खांसी-जुकाम, बुखार और एलर्जी जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं। हालांकि, कभी-कभी ये छोटी समस्याएं खतरनाक बीमारियों में बदल सकती हैं।

सर्दी-जुकाम: मौसम के बदलाव में सबसे आम समस्या सर्दी-जुकाम और फ्लू की होती है. लगातार छींकना, गले में खराश और बुखार इसके लक्षण हैं. गरम पानी पिएं, इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ खाएं और भीड़भाड़ से बचें.

ज्वर: मौसम के बदलते ही ज्वर तेजी से फैल जाता है। इसमें थकान, सिरदर्द और शरीर में दर्द सामान्य लक्षण होते हैं। सफाई का ध्यान रखें, संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें और पर्याप्त आराम करें।

एलर्जी और अस्थमा: धूल, परागकण और नमी से एलर्जी और अस्थमा की समस्या बढ़ सकती है. सांस लेने में तकलीफ और खांसी आम लक्षण हैं. मास्क का इस्तेमाल करें, घर को साफ रखें और डॉक्टर द्वारा बताई दवा समय पर लें.

डेंगू और मलेरिया: जब वर्षा आती है और मौसम बदलता है, तो मच्छरों के कारण फैलने वाली डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. मच्छरदानी का उपयोग करें, पानी की जमावट को रोकें और बाजू के कपड़े पहनकर सुरक्षित रहें।

टायफॉयड: गंदा पानी और संक्रमित खाना टायफॉयड का कारण बन सकता है. तेज बुखार, कमजोरी और पेट में दर्द इसके लक्षण हैं. हमेशा साफ पानी पिएं, बाहर का खाना कम खाएं और हाइजीन का ध्यान रखें.

न्यूमोनिया: जब मौसम बदलता है, तो खासकर बच्चों और बुजुर्गों को न्यूमोनिया का खतरा बढ़ जाता है. इस बीमारी में खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई होती है. इसलिए, गर्म कपड़े पहनना, ठंडी हवा से बचना, और शरीर को पर्याप्त पानी से भरपूर रखना जरूरी है।