स्टॉक मार्केट समाचार: वैश्विक व्यापार में तनाव और अमेरिका की टैरिफ नीति ने निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिससे घरेलू बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ रहा है

आज के स्टॉक मार्केट में, अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ और एक और 25 प्रतिशत दंडात्मक टैरिफ के प्रभाव से भारतीय बाजार में स्पष्ट गिरावट देखने को मिली. 25 प्रतिशत टैरिफ का पहला चरण पहले ही लागू हो चुका है. आज के चौथे कारोबारी दिन, गुरुवार 7 अगस्त 2025 को सुबह साढ़े नौ बजे, बीएसई पर 30 शेयरों का सेंसेक्स 250 अंकों यानी 80,412.94 पर कारोबार कर रहा था. लेकिन फिर इसमें 454 अंकों तक की गिरावट आई. साथ ही, एनएसई पर निफ्टी 50 भी कमजोर होकर 24,450 के पारे लुढ़क कर आ गया
नए दर से बाजार में अनिश्चितता का महसूस होना:
वैश्विक व्यापार तनाव और अमेरिका की टैरिफ नीति ने निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर डाला है, जिससे घरेलू बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा है। उधर, राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव गहरा गया है। इसके चलते निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने का रुख किया, जिससे गुरुवार को सोने की मांग में तेजी दर्ज की गई। सोना हाजिर 0.4% बढ़कर 3,380.76 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि अमेरिकी सोना वायदा 0.3% की बढ़त के साथ 3,443.30 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया
ब्रोकिंग फर्म जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजय कुमार के अनुसार, बातचीत की संभावनाएं कम होने के चलते बाजार में अनिश्चितता काफी बढ़ गई है। हालांकि, 25 प्रतिशत टैरिफ लागू करने से पहले 21 दिनों की मोहलत दिए जाने से वार्ता की कुछ गुंजाइश अभी भी बनी हुई है। इसके बावजूद, व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता अब भी बनी हुई है
ट्रंप के कार्रवाई का बाजार पर प्रभाव हुआ है:
जबकि, मेहता इक्विटीज से सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे बताते हैं कि ट्रंप की ओर से भारत से आयातित सामग्री पर भारी टैरिफ और अधिक संस्थागत निवेशकों की बिकवाली, रुपये के मूल्य में कमी और निफ्टी मार्केट की बिगड़ती स्थिति के कारण दलाल स्ट्रीट पर मंदड़ियों के दबदबे की संभावना है
उनका कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप के बयानबाजी और उनके कार्यों का निकट भविष्य में शेयर बाजार पर प्रभाव देखने को मिलेगा. हालांकि, अब तक ट्रंप के बयानबाजी और एक्शन के बावजूद भारत का रिएक्शन पूरी तरह से शांत रहा है