Thursday, August 7, 2025
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दीपफेक के लिए सख्त कानून बनाने जा रही सरकार, बढ़ते खतरे को देखते हुए लिया बड़ा कदम।

डेनमार्क सरकार दीपफेक तकनीक के बढ़ते खतरे को देखकर बिना किसी की आवाज या छवि का अनधिकृत इस्तेमाल करने पर सख्त कानून लाने जा रही है

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के आधार पर Deepfake तकनीक के बढ़ते खतरे को देखते हुए डेनमार्क सरकार ने इस पर लगाम लगाने के लिए सख्त कानून लाने की तैयारी कर ली है। यह कानून अनुमति के बिना किसी की आवाज या छवि का उपयोग करके बनाए गए नकली ऑडियो-वीडियो को दंडनीय अपराध घोषित करेगा। डेनमार्क ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बनने जा रहा है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि इस तकनीक के दुरुपयोग पर लगाम लगेगी

Deepfake क्या है ?

डीपफेक एक उन्नत प्रौद्योगिकी है, जिसमें एआई और मशीन लर्निंग की सहायता से किसी व्यक्ति की आवाज या चेहरे की नकल कर नकली वीडियो या ऑडियो बनाया जाता है। इसे इस प्रकार संपादित किया जाता है कि यह असली लगता है, हालांकि वास्तव में यह पूरी तरह से जाली होता है। डीपफेक शब्द ‘डीप लर्निंग’ और ‘फेक’ को मिलाकर बनाया गया है

Deepfake तकनीक कैसे काम करती है ?

डीपफेक तकनीक मुख्य रूप से दो एल्गोरिदम पर काम करती है – एन्कोडर और डीकोडर

Encoder: यह उत्कृष्ट व्यक्ति की तस्वीरों और वीडियो को विश्लेषित करके उनके हाव-भाव और आवाज के पैटर्न को समझता है

Decoder: यह शिक्षित जानकारी को अन्य वीडियो या ऑडियो से इस प्रकार से मिश्रित करता है कि नकली क्लिप बिल्कुल असली जैसी दिखती है

Deepfake से बढ़ रहा है खतरा
गहरे झूठ के द्वारा कई गंभीर खतरे सामने आ चुके हैं जो दीपफेक तकनीक के दुरुपयोग से हो रहे हैं

राजनीतिक दव्यार्थ: चुनावों में नेताओं द्वारा बनाए गए फर्जी वीडियो से जनता को भ्रांत किया जा सकता है

सोशल ब्लैकमेलिंग: व्यक्ति गलतफहमी फैलाने के लिए नकली अश्लील वीडियो बनाकर उनका नाम खराब किया जा सकता है

भ्रांतिकारक समाचार: नकली वीडियो के माध्यम से दंगों और फसाद को उकसाया जा सकता है

साइबर क्राइम: पहचान की चोरी और बैंकिंग धोखाधड़ी में भी इसका उपयोग हो सकता है

डेनमार्क का नया कानून क्या है ?

बिना किसी की अनुमति के किसी की आवाज या छवि का उपयोग करके Deepfake कंटेंट बनाना एक अपराध माना जाएगा

गहन सजा लगाई जाएगी जिसके परिणामस्वरूप डीपफेक वीडियो या ऑडियो को फैलाने पर

सोशल मीडिया कंपनियों को इस तरह की सामग्री को हटाना आवश्यक होगा

बचाव के उपाय Deepfake से:

किसी भी डरावने वीडियो को बिना जांच किए शेयर न करें

वीडियो के स्रोत की पुष्टि करें

Google Reverse Image Search की तरह के टूल का उपयोग कैसे करें

संदिग्ध सामग्री को सोशल मीडिया पर रिपोर्ट करें

वैश्विक स्तर पर भी चिंता की जानी चाहिए:

डीपफेक तकनीक को लेकर केवल डेनमार्क ही नहीं, अमेरिका, भारत और यूरोपीय यूनियन जैसे देश भी चिंतित हैं. इसे अब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा माना जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने एक वैश्विक फ्रेमवर्क की मांग की है, ताकि हर देश अपने स्तर पर डीपफेक के खिलाफ कड़े कानून लागू कर सके



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