हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन समाचार: बलोठ गांव के ग्रामीणों ने पहले ही लैंडस्लाइड की आशंका जताई थी। सेरी उस्लाड गांव वालों का आरोप है कि प्रशासन भूस्खलन के मामले में कोई सख्त कदम उठाने में कामयाब नहीं हो रहा है।

भरमौर जिले में चंबा, भारी भूस्खलन ने विपदा का साया बना दिया है। बलोठ की ग्राम पंचायत सेरी उस्लाड गांव में भारी लैंडस्लाइड के कारण रास्ते प्रभावित हो गए हैं। भाग्यशाली बात है कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई और न कोई घायल हुआ, लेकिन यह घटना इलाके को हिला कर रख दिया है।
इस भूस्खलन के कारण पंचायत के दर्जनों से अधिक गांवों का संपर्क पूरी तरह से विच्छिन्न हो गया है। न तो रास्ते खुले हैं और न ही संचार की सुविधा बची है। इस परिस्थिति में लोग गांवों में ही फंसे हुए हैं।
स्थानीय पंचायत प्रधान ने बताया कि सोमवार को फिर से भयंकर भूस्खलन हुआ, जिससे नीचे बसे करीब आधा दर्जन गांव अब खतरे की जद में आ गए हैं। लगातार हो रही बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं।
लोगों को पेश आ रही कठिनाई से उठानी पड़ रही है
ग्रामीणों का कहना है कि बीते कई दिनों से सड़कें बंद पड़ी हैं, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी तक नहीं पहुंच पा रहे और बाजार से जरूरी सामान लाना भी बेहद मुश्किल हो गया है। अब हालात ऐसे हैं कि राशन, दवाइयों और अन्य जरूरी चीजों की भारी कमी महसूस होने लगी है।
सरकार के खिलाफ आपत्ति दर्ज की गई
ग्राम प्रधान और अन्य जनप्रतिनिधियों ने बताया कि इस क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से भूस्खलन की समस्या बनी हुई है। कई बार प्रशासन और सरकार को इसकी जानकारी दी गई है। एक्सपर्ट की टीम भेजने की मांग भी उठाई गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
गाँव के लोगों में डर और क्रोध
लगातार लैंडस्लाइड से परेशान ग्रामीणों में अब डर के साथ-साथ गुस्सा भी उभरने लगा है। उनका कहना है कि यदि जल्द से जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है। लोग अपने घरों में ही बंद होकर रह गए हैं और हर पल अनहोनी का डर सता रहा है।