इस्राइल डिफेंस फोर्स ने गाजा पट्टी में हवाई मार्ग से राहत सामग्री पहुंचाई। यह अभियान संयुक्त रूप से छह देशों यानी संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, मिस्र, स्पेन, फ्रांस और जर्मनी के साथ मिलकर किया गया। आईडीएफ के अनुसार, दक्षिण और उत्तर गाजा के निवासियों के लिए भोजन से भरे 126 पैकेट गिराए गए। पहली बार ऐसा हुआ है कि तीन यूरोपीय देशों ने भी इस अभियान में हिस्सा लिया।
बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच, आईडीएफ चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल एयाल जमीर ने गाजा में जानबूझकर भुखमरी फैलाने के आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह एक झूठा और सुनियोजित अभियान है, जो आईडीएफ को युद्ध अपराधी साबित करने की कोशिश कर रहा है। जमीर ने दोहराया कि गाजा की पीड़ा के लिए हमास जिम्मेदार है, और आईडीएफ पूरी नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत काम कर रही है।

बंधकों की रिहाई पर बातचीत
जमीर ने कहा कि यदि बंधकों की रिहाई पर कोई आंशिक समझौता नहीं होता है तो सेना का अभियान बिना रुके जारी रहेगा। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में यह साफ हो जाएगा कि इस पर कोई डील बनती है या नहीं। इस बीच, आईडीएफ ने स्पष्ट किया है कि वह हिजबुल्ला पर लक्षित हमले भी जारी रखेगी, चाहे नवंबर 2024 की संघर्षविराम संधि लागू हो।
हिजबुल्ला की सैन्य क्षमता में भारी गिरावट
आईडीएफ के मुताबिक, हिजबुल्ला की सैन्य क्षमता में भारी कमी आई है। कभी 1.5 लाख रॉकेट्स रखने वाला यह संगठन अब केवल कुछ हज़ार लॉन्चर ही बचा सका है। इसके अलावा, उसके बहु-लॉन्चर प्लेटफॉर्म भी लगभग समाप्त हो चुके हैं। इस्राइल खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, 4,000 से 5,000 हिजबुल्ला लड़ाके मारे जा चुके हैं और लगभग 9,000 स्थायी रूप से लड़ाई में अक्षम हो गए हैं।
सीरिया से हथियार आपूर्ति पर भी रोक
सीरिया की नई सुन्नी सरकार ने ईरान से हिजबुल्ला को हथियार भेजने के रास्तों को बाधित कर दिया है। आईडीएफ ने सीरिया और लेबनान की सीमा पर पांच क्रॉस-बॉर्डर हमले किए हैं। इस्राइल का कहना है कि वह अब भी जब जरूरत हो, तो एकतरफा कार्रवाई करने में सक्षम है। 1,263 संघर्षविराम उल्लंघनों में से 456 को आईडीएफ ने आंतरिक रूप से सुलझाया और 666 को लेबनानी सेना को सौंपा गया, जिन्होंने 82 प्रतिशत मामलों में समाधान निकाला।