नई दिल्ली । भारत में 1.52 करोड़ से ज्यादा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पंजीकरण सक्रिय हैं और पंजीकृत जीएसटी करदाताओं में से हर पांचवें हिस्से में अब कम से कम एक महिला है, और 14 प्रतिशत पंजीकृत करदाताओं में सभी महिला सदस्य हैं। यह जानकारी मंगलवार को जारी हुई एसबीआई की एक रिपोर्ट में दी गई। एसबीआई के आर्थिक अनुसंधान विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) और निजी लिमिटेड कंपनियों में यह प्रतिनिधित्व काफी अधिक है और कॉर्पोरेट में बढ़ती औपचारिकता भविष्य में समान प्रतिनिधित्व के लिए शुभ संकेत हैं।
एसबीआई की समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्या कांति घोष ने कहा, “यह आंकड़ा, कुल आयकरदाताओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत और कुल जमा में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ, महिला सशक्तिकरण को दर्शाता है।”
डॉ. घोष ने कहा कि केवल पांच वर्षों (वित्त वर्ष 21-25) में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन दोगुना हो गया और औसत मासिक सकल जीएसटी कलेक्शन अब 2 लाख करोड़ रुपए है। शीर्ष पांच राज्यों का कुल जीएसटी कलेक्शन में 41 प्रतिशत का योगदान दिया है और छह राज्यों ने 1 लाख करोड़ रुपए के वार्षिक जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े को पार कर लिया है।