
नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस बार उनका निशाना एपल कंपनी और उसके सीईओ टिम कुक पर है। ट्रंप ने टिम कुक से बातचीत के दौरान स्पष्ट कहा, “मैं नहीं चाहता कि आप भारत में एपल प्रोडक्ट्स का निर्माण करें।” ट्रंप की नाराज़गी एपल द्वारा भारत में तेजी से बढ़ते मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क को लेकर है। वर्तमान में भारत में एपल के कई iPhone उत्पादन प्लांट्स सक्रिय हैं और कंपनी भारत को एक बड़े निर्माण हब के रूप में विकसित कर रही है। लेकिन ट्रंप की राय इससे ठीक उलट है। उनका मानना है कि अमेरिका को अपनी घरेलू उत्पादन क्षमता को बढ़ाना चाहिए और कंपनियों को देश के भीतर निवेश करना चाहिए।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब खुद टिम कुक ने यह स्वीकार किया था कि अमेरिका में बिकने वाले लगभग 50% iPhone भारत में निर्मित हो रहे हैं। इससे यह स्पष्ट है कि भारत, एपल की सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बनता जा रहा है — जो ट्रंप को रास नहीं आ रहा।
सूत्रों के अनुसार, ट्रंप की इस चेतावनी के बाद एपल अमेरिका में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रही है। कंपनी संभवतः 500 अरब डॉलर तक का निवेश अमेरिका में कर सकती है, जिससे वहां नई नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
डोनाल्ड ट्रंप का यह रुख सिर्फ एपल तक सीमित नहीं है। वह चाहते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और टेस्ला जैसी अन्य वैश्विक कंपनियां भी अमेरिका में निवेश बढ़ाएं, जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
यह बयान भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों और वैश्विक विनिर्माण रणनीति के लिहाज़ से अहम माना जा रहा है, खासकर उस समय जब भारत वैश्विक सप्लाई चेन में एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में उभर रहा है।