
नईदिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने संयुक्त राज्य अमेरिका से प्राप्त सूचना के आधार पर ‘ऑपरेशन हॉक-2025’ के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े ऑनलाइन बाल यौन शोषण से संबंधित साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई की अंतरराष्ट्रीय संचालन शाखा ने शेख मुइज अहमद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66डी और पॉक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 12 के साथ धारा 11 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
जांच में पता चला कि मार्च 2024 के दौरान, मंगलुरु निवासी आरोपी शेख मुइज अहमद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “डिसकॉर्ड” पर “heisenberg7343” यूजरनेम से एक अमेरिकी नाबालिग लड़की के साथ ऑनलाइन बातचीत की।
बातचीत के दौरान, आरोपी ने नाबालिग लड़की को उसके साथ यौन चैट करने के लिए उकसाया और उसे मंच पर अपनी अश्लील तस्वीरें/वीडियो साझा करने के लिए प्रेरित/लुभाया। आरोपी ने नाबालिग पीड़िता को ऑनलाइन अश्लील यौन गतिविधियों में शामिल होने के लिए धमकाया भी था।
मामला दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने मुंबई और मंगलुरु में आरोपी से जुड़े विभिन्न स्थानों पर व्यापक तलाशी ली, जिसके परिणामस्वरूप मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए। इन उपकरणों में नाबालिग पीड़िता से प्रलोभन द्वारा प्राप्त बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) मौजूद थी।
सीबीआई ने आरोपी शेख मुइज अहमद को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अंतर्राष्ट्रीय संचालन शाखा ने मुकुल सैनी के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की धारा 506, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 और पॉक्सो अधिनियम, 2012 की धारा 12 के साथ धारा 11 और 15 के तहत एक और मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच में पाया गया कि 2023-2024 की अवधि के दौरान, दिल्ली निवासी आरोपी मुकुल सैनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “डिसकॉर्ड” पर “Izumi#9412”, “Izumi#7070”, “Deadddd#6873” और “Arisu” आईडी के माध्यम से एक अमेरिकी नाबालिग लड़की के साथ ऑनलाइन बातचीत की।
बातचीत के दौरान, आरोपी ने नाबालिग लड़की को उसके साथ यौन चैट करने और मंच पर अपनी अश्लील तस्वीरें/वीडियो साझा करने के लिए उकसाया। आरोपी ने नाबालिग पीड़िता को अपनी अश्लील तस्वीरें/वीडियो साझा करना जारी रखने के लिए धमकाया, अन्यथा वह उसकी अश्लील तस्वीरें/वीडियो इंटरनेट पर वायरल कर देगा।
मामला दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने दिल्ली में आरोपी से जुड़े विभिन्न स्थानों पर व्यापक तलाशी ली, जिसके परिणामस्वरूप मोबाइल फोन और कंप्यूटर हार्ड डिस्क जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए, जिनमें मामले से संबंधित आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य मौजूद थे।
सीबीआई ऑनलाइन बाल यौन शोषण के खतरे का मुकाबला करने और विश्व स्तर पर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे पहले, सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के साथ ऑनलाइन बाल यौन शोषण के मामलों पर त्वरित प्रतिक्रिया के प्रयासों के तहत 2021 में ‘ऑपरेशन कार्बन’ और 2022 में ‘ऑपरेशन मेघ चक्र’ शुरू किया था, ताकि अंतरराष्ट्रीय क्षेत्राधिकारों में स्थित आरोपियों, संदिग्धों और साजिशकर्ताओं का पता लगाया जा सके, जिसके लिए विश्व स्तर पर समन्वित कानून प्रवर्तन प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है।