Monday, May 19, 2025
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निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की तैयारी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमारी मंजूरी जरूरी नहीं

नई दिल्ली भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा न्यायापालिका पर की गई टिप्पणी पर विवाद हो गया है और अब उनके खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की तैयारी हो रही है। सोमवार को जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के सामने एक याचिका आई, जिसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की हालिया टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मांगी गई। इस पर पीठ ने कहा कि आप इसे दायर करें, याचिका दायर करने के लिए आपको हमारी मंजूरी की जरूरत नहीं है।

अटॉर्नी जनरल को लिखा पत्र
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को इस मामले में अटॉर्नी जनरल से मंजूरी लेने की जरूरत है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील अनस तनवीर ने दायर की है। अनस तनवीर भी वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं में से एक का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद अनस तनवीर ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी को पत्र लिखकर उनकी मंजूरी मांगी है। पत्र में कहा गया है कि दुबे ने सर्वोच्च अदालत की गरिमा को कम किया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार को अपने एक बयान में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी की थी। इसमें दुबे ने कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट कानून बनाएगा तो फिर संसद और विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। भाजपा सांसद ने मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पर तंज कसते हुए कहा कि देश में गृह युद्ध के लिए सीजेआई जिम्मेदार होंगे।

वक्फ संशोधन कानून को लेकर की टिप्पणी
निशिकांत दुबे की यह टिप्पणी वक्फ संशोधन कानून को लेकर आई। वक्फ संशोधन कानून के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के कुछ प्रावधानों को लेकर सवाल उठाए हैं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने अगली सुनवाई तक कानून के कुछ प्रावधानों को लागू करने पर रोक लगा दी है। भाजपा ने भी शनिवार को खुद को निशिकांत दुबे के बयान से अलग कर लिया और दुबे के बयान को उनके निजी विचार बताया। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी नेताओं से अपील की है कि वे ऐसी टिप्पणियां न करें।

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