Tuesday, March 25, 2025
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महज 13 साल की उम्र में ‘बंगाल की धड़कन’ बन गई थीं Sharmila Tagore, एक्ट्रेस ने किया खुलासा, बोलीं- ‘मैं इसकी तारीफ भी नहीं करती थी’

Sharmila Tagore: शर्मिला टैगोर ने हाल ही में एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में अपने करियर से जुड़े कईं खुलासे किए, दिग्गज एक्ट्रेस ने बताया कि उन्होंने 13 साल की उम्र से ही एक्टिंग शुरू कर दी थी.

Sharmila Tagore On Her Career: वेटरन एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर ने अपने करियर की शुरुआत बचपन में ही बंगाली फिल्मों से कर दी थी. 13 साल की छोटी उम्र में, उन्होंने सत्यजीत रे की 1959 की फिल्म अपुर संसार में एक बाल वधू का किरदार निभाकर काफी पॉपुलैरिटी हासिल की थी. हाल ही में एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने कहा कि फिल्मों में उनके काम के लिए उन्हें बहुत तारीफ मिली, लेकिन उन्होंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि उन्हें अपनी प्रसिद्धि का पूरी तरह से एहसास नहीं था.

अपार संसार’ से बंगाल की दिल की धड़कन बन गई थीं शर्मिला
कोरम से बात करते हुए, शर्मिला ने अपने घर से ‘अपार संसार’ के लिए चुने जाने को याद किया. उन्होंने कहा कि सत्यजीत रे ने उन्हें फिल्म में लेने के लिए उनके दादा कनकेन्द्रनाथ टैगोर से इजाजत ली थी और इसकी रिलीज के बाद, वह जल्द ही “बंगाल की दिल की धड़कन” बन गईं. शर्मिला ने कहा, “उस फिल्म में काम करना, और जब वह फिल्म रिलीज हुई, तो उसे जिस तरह की तारीफ मिली, उसने मेरी जिंदगी बदल दी. मैं 13 साल की उम्र में रातों-रात बंगाल के दिल की धड़कन बन गई. उन्होंने आगे कहा, “उस समय, जो कुछ हो रहा था, मैं उसकी सराहना भी नहीं करती थी.”

कम उम्र में शर्मिला को फिल्म मिलने पर कैसा था पिता का रिएक्शन
शर्मिला ने इतनी कम उम्र में पहली फिल्म मिलने पर अपने पिता के रिएक्शन का भी जिक्र किया. उन्हें याद आया कि उनके पिता ने फिल्म मेकर सत्यजीत से उन्हें कोई पेमेंट न देने के लिए कहा था, और यहां तक ​​कि फिल्म मेकर को चेतावनी भी दी थी कि अगर वह उनकी बात नहीं मानेंगी तो उन्हें फिल्म में न लें. शर्मिला ने बताया उनके पिता ने कहा था, “बेशक, भुगतान पाने का कोई सवाल ही नहीं है, और अगर आपको लगता है कि वह खुद को बेवकूफ बना रही है, तो प्लीज उसे न लें.” शर्मिला ने कहा, ”मैंने खुद को बेवकूफ नहीं बनाया.”

फिल्में करने के बाद भी शर्मिला की लाइफ पहले जैसी नहीं रही थी
इसके बाद शर्मिला ने सत्यजीत रे की ‘देवी’ साइन की थी. शर्मिला का मानना ​​है कि देवी में उनकी परफॉर्मेंस उनके करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस है.हालांकि, वह अपने दोस्तों से बहुत ज्यादा समय तक दूर नहीं रहना चाहती थी और इसलिए उन्होंने कॉलेज में पढ़ाई करना जारी रखा. उन्होंने कहा, ”वास्तव में मेरे पास उस तरह का जीवन नहीं था जैसा मैं देख रही थी. मैं हिस्ट्री ऑनर्स करना चाहती थी.हालांकि, उनकी लाइफ पहले जैसा नहीं रही क्योंकि उनके आधे दोस्त केवल एक्टर्स के बारे में बात करना चाहते थे और बाकी आधे उनसे बिल्कुल भी बात नहीं करना चाहते थे.1970 के दशक में बॉलीवुड में शर्मिला ने की थी एंट्री
शर्मिला ने बाद में 1970 के दशक में बॉलीवुड में कदम रखा और अपने पूरे करियर में कई हिट फिल्में दीं. कुछ समय तक फिल्मों से दूर रहने के बाद उन्हें आखिरी बार इस साल की शुरुआत में ओटीटी फिल्म ‘गुलमोहर’ में देखा गया था.

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