
वेपिंग को सुरक्षित समझना एक बड़ी भूल साबित हो सकती है। आजकल कई लोग ई-सिगरेट को पारंपरिक धूम्रपान से कम नुकसानदेह मानते हैं, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। सोशल मीडिया पर सामने आई एक चौंकाने वाली घटना में ज्यादा वेपिंग करने की वजह से एक महिला की आंखों की रोशनी पूरी तरह चली गई। डॉक्टरों ने इस मामले के जरिए वेपिंग से आंखों को होने वाले गंभीर खतरों को लेकर लोगों को सतर्क किया है।
इस घटना की जानकारी नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मेघा कर्णावत ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा की है। उन्होंने बताया कि 40 वर्षीय महिला को पहले डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन रात में अत्यधिक वेपिंग करने के बाद सुबह उसकी आंखों की रोशनी अचानक चली गई। डॉक्टर ने इस पोस्ट के माध्यम से वेपिंग के खतरनाक दुष्प्रभावों को उजागर करने की कोशिश की है।
वेपिंग एक इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया है, जिसमें तंबाकू की जगह एक लिक्विड का इस्तेमाल किया जाता है। यह लिक्विड गर्म होकर धुएं जैसी भाप में बदल जाता है, जिसे सांस के जरिए शरीर में लिया जाता है। इस लिक्विड में निकोटीन और कई हानिकारक रसायन मौजूद होते हैं, जो सेहत पर गंभीर असर डाल सकते हैं। कई शोध और रिपोर्ट्स में वेपिंग को सिगरेट से भी ज्यादा खतरनाक बताया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वेपिंग से आंखों को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। इससे सबसे पहले आंखों में सूखापन, जलन और खुजली की समस्या होती है। इसके अलावा वेपिंग और धूम्रपान से मोतियाबिंद का खतरा भी बढ़ जाता है, क्योंकि इससे आंखों के लेंस को नुकसान पहुंचता है और नजर कमजोर होने लगती है।
डॉक्टरों के अनुसार, वेपिंग से रेटिनल आर्टरी में ऐंठन, ऑप्टिक नर्व तक खून का प्रवाह कम होना, रेटिनल टिशूज में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ना और पहले से मौजूद माइक्रोवैस्कुलर समस्याओं के बिगड़ने जैसी गंभीर स्थितियां पैदा हो सकती हैं। इन कारणों से जवान और स्वस्थ व्यक्ति की भी अचानक नजर जा सकती है।

