Bhadrapad Masik Shivratri 2025: 21 अगस्त 2025 को भाद्रपद मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि होगी, जब मासिक शिवरात्रि का व्रत संपन्न होगा। इस खास दिन तीन शुभ योग बनेंगे, लेकिन साथ ही भद्रा का प्रभाव भी रहेगा।
पंचांग के अनुसार प्रति माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत मनाया जाता है, जिसे भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यधिक महत्व दिया जाता है. वर्तमान में भाद्रपद माह चल रहा है और भाद्रपद मासिक शिवरात्रि का व्रत गुरुवार, 21 अगस्त 2025 को आयोजित किया जाएगा.
मासिक शिवरात्रि एक विशेष उत्सव है जो शिव और शक्ति के संगम को संदर्भित करता है, जिसमें उपासक रात्रि के चार प्रहरों में भगवान शिव की पूजा करते हैं, शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और उन्हें विशेष सामग्री से भोग लगाते हैं. यदि इस व्रत को श्रद्धापूर्वक मान्यता पूर्वक पाला जाए, तो इससे भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
भादो मासिक शिवरात्रि पर 3 शुभ योग, लेकिन भद्रा भी
इस साल भादो मासिक शिवरात्रि पर 3 शुभ योग बन रहे हैं। इन योगों में किए पूजा-व्रत का उपासक को पूर्ण नहीं बल्कि दोगुना लाभ मिलता है। बता दें कि 21 अगस्त को भाद्रपद मासिक शिवरात्रि पर गुरु पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग रहेगा। ये सभी योग सुबह से लेकर रात तक रहेंगे। इसके अलावा प्रात:काल में व्यातीपात योग और शाम में वरीयान योग रहेगा।
लेकिन शुभ योगों के साथ ही भादो मासिक शिवरात्रि पर भद्रा का साया भी रहने वाला है। 21 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट से रात 12 बजकर 16 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। भद्रा के समय कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। लेकिन शिव पूजन किया जा सकता है। इसके लेकर कई विद्वानों का मत है कि, महादेव इस संसार के स्वामी हैं और सभी ग्रह उनसे नियंत्रित होते हैं। हालांकि कई लोग भद्राकाल में पूजा-पाठ करना शुभ नहीं मानते हैं.
भाद्रपद शिवरात्रि पर पूजा का समय
शिवरात्रि की पूजा के लिए भक्तों को केवल 44 मिनट का ही शुभ समय मिलेगा। 21 अगस्त को देर रात 12:02 से 12:46 तक का समय पूजा के लिए शुभ रहेगा। बताया जाता है कि शिवरात्रि की पूजा निशिता काल यानी देर रात में ही करने का विधान है।
