दिल्ली विश्वविद्यालय में NSUI ने छात्राओं के लिए प्रत्येक सेमेस्टर में 12 दिन की पीरियड्स लीव की मांग किया और इसके लिए जोरदार प्रदर्शन किया. इस सुविधा को कई यूनिवर्सिटीज में पहले से ही दिया जा रहा है.

आज सुबह 10 बजे से दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकल्टी परिसर में एक अद्वितीय माहौल देखने को मिला। वहाँ राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के बैनर के नीचे बड़ी संख्या में छात्राएं और छात्र एकट्ठे हुए थे। सभी के हाथों में तख्तियां, बैनर और पोस्टर थे।
क्यों एक प्रदर्शन का आयोजन हो रहा है?
NSUI की माँग है कि देश की कई विश्वविद्यालयों में छात्रों के लिए पीरियड्स लीव का प्रावधान होना चाहिए। दिल्ली विश्वविद्यालय और कई अन्य बड़े संस्थानों में अभी तक यह सुविधा नहीं दी गई है। उनकी मांग है कि हर सेमेस्टर में कम से कम 12 पीरियड्स लीव का प्रावधान किया जाए, ताकि छात्राओं को उन दिनों में अनावश्यक तनाव, अनुपस्थिति और मार्क्स कटने का डर न रहे।
छात्राओं का कहना है कि मासिक धर्म के दौरान जो शारीरिक दर्द, थकान और असुविधाएं होती हैं, उनके बीच क्लास अटेंड करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे समय में, इसे अवकाश नहीं, बल्कि बुनियादी अधिकार के रूप में देखा जाना चाहिए।
ये है मांग
एनएसयूआई दिल्ली ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सभी छात्राओं के लिए 12 दिन की पीरियड्स लीव की मांग की है। महिलाएं सम्मान, स्वास्थ्य और सुरक्षा की हकदार हैं – और हम तब तक आगे बढ़ते रहेंगे जब तक हर कैंपस यह सुनिश्चित नहीं कर देता। एनएसयूआई ने कहा कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह आंदोलन और तेज होगा।

