शिमला – मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश सचिवालय से राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना (आरजीएसएसवाई) के तहत 20 ई-टैक्सियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस योजना के तहत राज्य सरकार युवाओं को ई-टैक्सियों की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करती है और अब तक 59 पात्र युवाओं को 4.22 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं और 61 अन्य लाभार्थियों को जल्द ही सब्सिडी जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल युवाओं को लाभकारी रोजगार मिलेगा, बल्कि उन्हें सरकारी कार्यालयों से जोड़कर पांच साल की अवधि के लिए सुनिश्चित आय भी सुनिश्चित होगी और दो साल के विस्तार का प्रावधान भी होगा।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य के वित्तीय बोझ को कम करने में भी मदद मिलेगी। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए अपनी नीतियां बना रही है। उन्होंने कहा कि आज हम जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को देख रहे हैं। हमारे लिए जरूरी है कि ऐसी नीतियां बनाई जाएं, जिनमें पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जाए। ई-वाहनों और ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देना समय की मांग है।
सरकारी क्षेत्र में भी दिए जा रहे रोजगार के अवसर: सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है और राज्य के युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर भी सक्रिय रूप से सृजित कर रही है। राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के माध्यम से विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास चल रहे हैं, जिसका उद्देश्य उन्हें बेहतर वेतन पैकेज प्रदान करना और विदेश में काम करने वाले अभ्यर्थियों का शोषण न हो, यह सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि सबसे कठिन काम एचपीएसईडीसी के लिए भर्ती एजेंसी के रूप में लाइसेंस प्राप्त करना था और हमने यह काम पूरा कर लिया है। अब निगम विभिन्न देशों के महावाणिज्य दूतावासों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा और हम उन्हें उनके कौशल में सुधार करने के लिए प्रशिक्षित भी करेंगे।
सरकारी विभागों में आमूलचूल सुधार किए: सुक्खू
सुक्खू ने कहा कि हमने विभिन्न सरकारी विभागों में आमूलचूल सुधार किए हैं, जिनके ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं। विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में राज्य देशभर में 21वें स्थान से 16वें स्थान पर पहुंच कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया है, जो वर्तमान राज्य सरकार के लिए एक बड़ी छलांग है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दिल्ली के एम्स के समान स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इन पहलों से राज्य के लोगों को भी लाभ मिलेगा। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, विधायक संजय अवस्थी और हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, एपीएमसी के अध्यक्ष देवानंद वर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम, सचिव प्रियंका बसु, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क राजीव कुमार, श्रम आयुक्त डॉ. वीरेंद्र शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।