Friday, September 20, 2024
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Natwar Singh Passes Away: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नटवर सिंह का निधन, मनमोहन सरकार में थे विदेश मंत्री

पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का 93 वर्ष की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. शाही परिवार में जन्म लेने वाले के. नटवर सिंह को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था.

K Natwar Singh Dies: पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह का शनिवार (10 अगस्त) रात लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. 93 वर्षीय के. नटवर सिंह ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. खबर है कि दिल्ली में रविवार (11 अगस्त) को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. परिवार ने बताया कि खराब स्वास्थ्य की वजह से पिछले हफ्ते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 

पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह की निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक पसरा है. उनके चाहने वाले सोशल मीडिया पर उन्हें याद करते हुए भावुक पोस्ट कर रहे हैं और शोकित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त कर रहे हैं. कई राजनेताओं ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. लोग उनके निधन को एक भारी और अपूरणीय क्षति बता रहे हैं.

PM मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री मोदी ने नटवर सिंह के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा,’मैं श्री नटवर सिंह जी के निधन से दुखी हूं. उन्होंने कूटनीति और विदेश नीति की दुनिया में समृद्ध योगदान दिया. वह अपनी बुद्धि के साथ-साथ विपुल लेखन के लिए भी जाने जाते थे. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ॐ शांति.

पाकिस्तान में रहे राजदूत

साल 2004-05 में UPA-I सरकार में के. नटवर सिंह ने बतौर विदेश मंत्री अपनी सेवाएं दी थीं. पाकिस्तान में राजदूत के रूप में काम करने वाले के. नटवर सिंह 1966 से 1971 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय से भी जुड़े हुए थे. कुंवर नटवर सिंह ने अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र में भी भारत के राजदूत का कार्यभार संभाला था.

राजस्थान के शाही परिवार में हुआ जन्म

16 मई 1931 को राजस्थान के भरतपुर जिले में जन्मे पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे. मेयो कॉलेज, अजमेर और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करके वो भारतीय विदेश सेवा (IFS) में शामिल हुए. बतौर राजनयिक उनका करियर काफी लंबा था. के. नटवर सिंह का अनुभव उन्हें महान की श्रेणी में खड़ा करता था.

कब हुए कांग्रेस में शामिल?

उन्होंने 1984 में कांग्रेस का दामन थामा था और लोकसभा चुनाव जीतकर राजस्थान के भरतपुर से सांसद बने. UPA-I सरकार में उन्हें विदेश मंत्री की कमान सौंपी गई. 2005 में ‘ऑयल फॉर फूड’ घोटाले में उनका नाम आया और भारी विरोध प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को जमकर घेरा था.

पद्म भूषण से हुए सम्मानित

पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह, 1984 में भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित हुए. यूं तो उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं लेकिन इन सबमें सबसे प्रसिद्ध है ‘वन लाइफ इज नॉट इनफ’. इस पुस्तक में उन्होंने अपने राजनीतिक अनुभव और जीवन के बारे में विस्तार से बताया है. इस किताब में कई राजनीतिक किस्सों का भी जिक्र मिलता है.

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