बीजेपी इस बार लोकसभा चुनाव में केंद्र में 370 और यूपी में सभी 80 सीटें जीतने का दावा कर रही है. लेकिन यूपी में पहले फेज के चुनाव में ही सभी 8 सीटें जीतना ही बीजेपी के लिए बड़ी लड़ाई है.
2024 लोकसभा चुनाव के लिए तारीख का ऐलान हो चुका है. 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में आम चुनाव आयोजित किए जाएंगे. खास बात ये है कि लोकसभा सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी सात चरणों में चुनाव होंगे और इसका पहला ही चरण बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
उत्तर प्रदेश में चुनावी मौसम इस बार सबसे लंबा चलेगा. पिछले दो लोकसभा चुनाव (2014 और 2019) की तुलना में इस बार यूपी में चुनावी मौसम सबसे लंबा होगा.
2014 लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता जारी होने से लेकर यूपी में आखिरी फेज के चुनाव तक कुल 67 दिन लगे थे. 2019 चुनाव में ये प्रोसेस 69 दिन में पूरा हुआ था. जबकि 2024 में यूपी में लोकसभा चुनाव 78 दिनों तक चलेंगे.
आखिर उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव का पहला ही चरण बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्यों है? इस स्पेशल स्टोरी में समझिए.
पहले जानिए उत्तर प्रदेश में कब-कब है लोकसभा चुनाव
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सबसे ज्यादा 80 सीटें हैं. यूपी में 19 अप्रैल को पहले चरण में राज्य की 8 सीट, 26 अप्रैल को दूसरे चरण में 8 सीट, 7 मई को तीसरे चरण में 10 सीट, 13 मई को चौथे चरण में 13 सीट, 20 मई को पांचवें चरण में 14 सीट, 25 मई को छठे चरण में 14 सीट और 1 जून को सातवें चरण में 13 सीटों पर चुनाव होगा.
यूपी की किस सीट पर कब चुनाव
पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में चुनाव होना है. यहां 20 मार्च से 27 मार्च तक नामांकन होगा और 19 अप्रैल को वोटिंग होगी.
दूसरे चरण में अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा में चुनाव होना है. यहां 28 मार्च से लेकर चार अप्रैल तक नामांकन होगा और 26 अप्रैल को वोटिंग होगी.
तीसरे चरण में संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर खीरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली में चुनाव होना है. 12 अप्रैल से 19 अप्रैल तक नामांकन होगा और सात मई को वोटिंग होगी.
चौथे चरण में शाहजहांपुर, खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर और बहराइच सीट पर चुनाव होना है. 18 अप्रैल से 25 अप्रैल तक नामांकन होगा और फिर 13 मई को वोटिंग होगी.
पांचवें चरण में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा में चुनाव होना है. 26 अप्रैल से तीन मई तक नामांकन होगा. 20 मई को वोट डाले जाएंगे.
छठे चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज (एससी), आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही में चुनाव होना है. 29 अप्रैल से 6 मई तक नामांकन भरे जाएंगे. वोटिंग 25 मई को होगी.
सातवें चरण का चुनाव महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (एससी), घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (एससी) सीट पर चुनाव होना है. यहां 7 मई से 14 मई तक नामांकन भरे जाएंगे. 1 जून को वोटिंग होगी.
बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती पहले चरण का चुनाव!
यूपी में पहले चरण में जिन आठ सीटों पर चुनाव है वहां अभी आधे से ज्यादा सीटों पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का कब्जा है. 2019 लोकसभा चुनाव में इन आठ में से तीन सीटों पर बीएसपी और दो पर एसपी ने जीत हासिल की थी. यानी कि बीजेपी के पास अभी तीन सीटें ही हैं. ये हैं- कैराना, मुजफ्फरनगर और पीलीभीत.
खास बात ये है कि कुछ सीटों पर बीजेपी को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. नगीना सीट पर बीएसपी के गिरिश चंद्रा ने बीजेपी के यशवंत सिन्हा को सबसे ज्यादा 1 लाख 66 हजार 832 वोटों के अंतर हाराया था. रामपुर से सपा नेता आजम खान ने भी बड़े अंतर 1 लाख 9 हजार 997 वोटों से बीजेपी नेता और अभिनेत्री जया प्रदा को हराया था.
इसके अलावा मुरादाबाद से सपा नेता एसटी हसन ने भी करीब 98 हजार वोटों के अंतर बीजेपी उम्मीदवार को हराया था. वहीं बिजनौर में 69,941 वोट और सहारनपुर सीट पर 22,417 वोटों से बीजेपी को हार मिली थी.
मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी बहुत मामुली अंतर 6,526 वोटों से जीती थी. दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय लोक दल (RLD) रहा था. हालांकि इस बार चुनाव में बीजेपी और आरएलडी का गठबंधन है. वहीं पीलीभीत सीट पर बीजेपी नेता वरुण गांधी और मेनका गांधी की अच्छी खासी पकड़ रही है. 2019 चुनाव में बीजेपी ने यहां 2.50 लाख वोटों से जीत हासिल की थी.
2014 चुनाव में कैसा था समीकरण
2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार केंद्र की सत्ता आई थी. तब बीजेपी ने सबसे ज्यादा 71 सीटें यूपी में जीती थी. इस बार चुनाव में पहले चरण वाली सभी आठ सीटों (सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत) पर 2014 में बीजेपी ने कब्जा कर लिया था. इतना ही नहीं बल्कि चार सीटों पर 2 लाख वोटों के अंतर जीतीं थी.
लेकिन अगले 2019 के लोकसभा चुनाव में इन सभी सीटों पर बीजेपी का जनाधार कम हो गया. 2014 में जिस मुजफ्फरनगर सीट पर बीजेपी को सबसे ज्यादा 4 लाख 1 हजार 150 वोटों से जीत मिली थी, वहीं 2019 में ये मार्जन सिर्फ 6526 रह गया. वहीं कैराना सीट पर 2014 में जहां जीत का मार्जन 2.50 लाख था, 2019 में घटकर 92 हजार रह गया.
यूपी में इस बार लोकसभा चुनाव का कैसा बन रहा है समीकरण बीजेपी उत्तर प्रदेश में इस बार राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी), अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल सोनेलाल, ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और डॉक्टर संजय निषाद के नेतृत्व वाली निषाद पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.
आरएलडी और अनुप्रिया पटेल को दो-दो सीट, वहीं सुभासपा और निषाद पार्टी को एक-एक सीट के चुनाव लड़ने की खबर है. बीजेपी खुद 74 सीटों पर उतरने की तैयारी कर रही है. हालांकि अभी उत्तर प्रदेश के लिए सभी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं हुआ है.
पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के तमाम नेताओं का दावा है कि इस बार उनकी पार्टी यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतेगी. वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव का दावा है कि इंडिया गठबंधन सभी 80 सीट जीतेगा, बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिलेगी.
खैर ये तो अब 4 जून 2024 को चुनाव नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा कि किस पार्टी ने सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा सीट हासिल की.