
अमेरिकी सीनेटरों का कहना है कि भारत झींगा निर्यात में अनुचित व्यापार प्रथाओं का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे अमेरिकी स्थानीय उद्योग को गंभीर नुकसान हो रहा है। उन्होंने इस मामले को लेकर चिंता जताई है और भारतीय झींगा एक्सपोर्ट पर टैरिफ लगाने की मांग की है ताकि अमेरिकी बाजार में स्थानीय उत्पादकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
अमेरिका लगातार भारत के खिलाफ नए-नए कदम उठा रहा है। कभी भारतीय वस्तुओं पर उच्च टैरिफ लगाए जाते हैं, तो कभी रूस से तेल की खरीद पर पेनाल्टी लगाई जाती है। हाल ही में H1B वीजा शुल्क को भी बढ़ाकर सालाना 100,000 डॉलर तक करने की बात सामने आई है। अब अमेरिका एक और बड़ा झटका देने की तैयारी में है। अमेरिकी सीनेटर बिल कैसिडी और सिंडी हाइड-स्मिथ ने अमेरिकी सीनेट में भारत के झींगा निर्यात पर टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। इस ‘India Shrimp Tariff Act’ का उद्देश्य लुइसियाना की झींगा और कैटफिश इंडस्ट्री की सुरक्षा करना बताया जा रहा है।
अमेरिकी सीनेटरों ने आरोप लगाया है कि भारत अमेरिकी बाजार में अनुचित व्यापार प्रथाओं का सहारा लेकर झींगा निर्यात कर रहा है, जिससे लुइसियाना की झींगा और कैटफिश इंडस्ट्री को गंभीर नुकसान हो रहा है। इस संदर्भ में प्रस्तावित विधेयक का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी बाजार में भारतीय झींगा की डंपिंग को रोकना है। सीनेटर बिल कैसिडी ने कहा, “यह बिल लुइसियाना की सीफूड इंडस्ट्री और वहां काम करने वाले लोगों की नौकरियों की रक्षा करेगा।” उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि लुइसियाना के झींगा और कैटफिश किसान भारत की तुलना में कहीं अधिक कड़े और उच्च मानकों का पालन करते हुए उत्पादन करते हैं।
अमेरिकी सीनेटरों ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह अमेरिकी बाजार में अनुचित व्यापार प्रथाओं का उपयोग करके झींगा निर्यात कर रहा है, जिससे लुइसियाना की झींगा और कैटफिश उद्योग को भारी नुकसान पहुंच रहा है। इस मामले में प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य भारतीय झींगा की डंपिंग को रोककर अमेरिकी बाजार की रक्षा करना है। सीनेटर बिल कैसिडी ने कहा, “यह बिल लुइसियाना की सीफूड इंडस्ट्री और वहां काम करने वाले लोगों के रोजगार की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि लुइसियाना के झींगा और कैटफिश किसान भारत की तुलना में कहीं अधिक सख्त और उच्च गुणवत्ता मानकों के साथ काम कर रहे हैं।