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Tuesday, October 14, 2025
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Mahalaxmi Vrat Katha: घर में नहीं आएगी दरिद्रता! महालक्ष्मी व्रत में पढ़ें इस कथा, शिव जी ने बताया महत्व

महालक्ष्मी व्रत 2025: सोलह दिनों तक चलने वाला महालक्ष्मी व्रत शुरू हो गया है। इस व्रत की महिमा से लक्ष्मी माँ कभी भक्त को छोड़ नहीं देती। महालक्ष्मी व्रत की कथा को अवश्य सुनें।महालक्ष्मी व्रत 2025: आज 31 अगस्त से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत हो गई है। धन, धान्य, सुख, समृद्धि की प्राप्ति के लिए ये 16 दिन के व्रत बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। महालक्ष्मी व्रत में कथा का बहुत महत्व है, अगर आप 16 दिन व्रत न कर पाएं तो इन दिनों कथा का श्रवण जरुर करें, इससे पुण्य फल प्राप्त होता है।

महालक्ष्मी व्रत की कथा

पुराणिक कथा के अनुसार प्राचीनकाल में एक शूरवीर चक्रवर्ती सम्राट मंगलार्ण नाम का राजा था, जिनकी पत्नी का नाम पद्मावती था। उनके सेवक तवल्लक नाम का एक विशेष सेवक था। एक दिन राजा और उसके सैनिक वन में घूमने गए, जहां उन्हें जल की आवश्यकता हुई। तवल्लक भी जल खोजने गया और वहां उसने देवी महालक्ष्मी के व्रत कर रही देव कन्याओं को देखा। उनसे व्रत के बारे में पूछा और उसने भी व्रत ग्रहण किया। वन में वापस आकर राजा को व्रत के बारे में बताया और उसने भी व्रत ग्रहण किया।

राजा के हाथ में सूत्र देखकर स्त्री ने उससे पूछा, जिससे रानी ने उसे ठग बताया। राजा ने उस सूत्र को अग्नि में डाल दिया और दुखी होकर वन छोड़ दिया। रानी ने ऋषि वसिष्ठ के आश्रम में आश्रय लिया और वहां महालक्ष्मी व्रत किया। इससे उसका चित्त शान्त हुआ और राजा ने भी वन छोड़कर नगर लौट आया।

महालक्ष्मी व्रत के प्रभाव से राजा ने भूलोक पर अनेक सुख प्राप्त किए और तवल्लक ब्राह्मण को प्रधानमन्त्री बनाया। भगवान शिव ने कहा कि महालक्ष्मी व्रत को सोलह वर्षों तक करना चाहिए और जो भी इस व्रत को करेगा, उसकी कामनाएं पूरी होंगी। इस व्रत की कथा का पाठ करने से अलक्ष्मी कभी उसके जीवन में प्रवेश नहीं करेगी।

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