अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ के बाद और भी सेकेंडरी सैंक्शन लगाने की संकेत दिए हैं. उन्होंने चीन को लेकर भी सेकेंडरी सैंक्शन लागू करने की बात कही है

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% तक बेसलाइन टैरिफ लगाने के तुरंत बाद संकेत दिए हैं कि सेकेंडरी सैंक्शन का अगला दौर भी जल्द शुरू हो सकता है. 8 घंटे पहले ही भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद ट्रंप ने एक पत्रकार के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि अभी तो सिर्फ 8 घंटे हुए हैं. देखते रहिए क्या होता है… आपको कई सेकेंडरी सैंक्शन देखने को मिलेंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के अनुसार, रूसी तेल को भारत द्वारा खरीदने पर संदिग्धता जताई गई है। ट्रंप प्रशासन ने इसे यूक्रेन युद्ध के वित्तीय सहायता के साथ जोड़ा है और इसे अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना है। जब एक पत्रकार ने ट्रंप से पूछा कि चीन भी रूसी तेल खरीदता है, तो ट्रंप ने स्पष्ट किया कि भारत पर सेकेंडरी सैंक्शन लागू करने का विचार किया जा रहा है। यह एक चीन और अन्य देशों के साथ भी किया जा सकता है
भारत में टैरिफ पहले से ही लागू है:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने घोषणा की है कि भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लागू किया जाएगा, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा। उन्होंने पहले ही 30 जुलाई को 25% टैरिफ का ऐलान किया था, जो 7 अगस्त से लागू हो गया है। इस संकेत से स्पष्ट हो रहा है कि अमेरिका अब केवल व्यापारिक युद्ध नहीं, बल्कि जियोपॉलिटिकल दबाव नीति भी अपना रहा है, जिसमें सेकेंडरी सैंक्शन एक महत्वपूर्ण हथियार हो सकते हैं
अतिरिक्त टैरिफ पर भारत ने कहा कि यह अनुचित, अन्यायपूर्ण और बेबुनियाद है:
मामले पर विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि कच्चे तेल का आयात एक बाजार आधारित फैसला है, जिसका उद्देश्य 140 करोड़ नागरिकों की ऊर्जा जरूरतें पूरी करना है. भारत ने इस कदम को अनुचित, अन्यायपूर्ण और बेबुनियाद करार देते हुए कहा कि दुनिया के कई अन्य देश भी अपने-अपने राष्ट्रीय हितों को देखते हुए रूस से तेल खरीद रहे हैं तो फिर केवल भारत को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है? यह बयान दर्शाता है कि भारत न केवल अपने निर्णयों पर कायम है, बल्कि दबाव में आने को तैयार नहीं
सेकेंडरी सैंक्शन क्या होते हैं?
सेकेंडरी सैंक्शन उन प्रतिबंधों को कहते हैं जो अमेरिका उन देशों, कंपनियों या संस्थानों पर लगाता है जो पहले से प्रतिबंधित देशों (जैसे कि रूस, ईरान आदि) के साथ व्यापारिक या वित्तीय लेनदेन करते हैं। इनका उद्देश्य है तीसरे पक्ष को डराकर मुख्य लक्ष्य देश को आर्थिक रूप से अलग-थलग करना, कूटनीतिक दबाव बनाना और वैश्विक व्यापार में अमेरिकी शक्ति को दोबारा स्थापित करना। अगर ट्रंप भारत पर सेकेंडरी सैंक्शन लगाते हैं तो भारत की तेल कंपनियों, बैंकों और यहां तक कि शिपिंग इंडस्ट्री पर भी इसका असर पड़ सकता है