कोपेनहेगन। डेनमार्क के एक अनुभवी राजनयिक ने रविवार को भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और कूटनीतिक प्रयासों की सराहना की है। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की वकालत की। इसके तहत आतंकवाद के वित्तपोषण और वैश्विक आतंकी संगठनों का सपोर्ट करने में लगातार भूमिका के लिए पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ‘ग्रे लिस्ट’ में वापस डालना भी शामिल है।
भारत में डेनमार्क के पूर्व राजदूत फ्रेडी स्वेन ने ‘आईएएनएस’ से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए यह मानने का सही समय है कि पाकिस्तान इस क्षेत्र में आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है।

स्वेन ने आईएएनएस से कहा, “आतंकवाद अपने आप पैदा नहीं होता. इसके पीछे पैसा, ढांचा और एक लंबी सोची-समझी योजना होती है। इसलिए आपको वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर भी जो हर संभव प्रयास करने की जरूरत है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसा कोई फंडिंग सोर्स न हो जो आतंकियों के पोषण में काम आ सके। हमें इसे रोकना होगा। पाकिस्तान को उस जगह रखा जाना चाहिए, जहां वह वास्तव में मौजूद है। इसलिए पाकिस्तान को उसी लिस्ट में रखा जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है।”
फ्रेडी स्वेन एक बहुत ही अनुभवी राजनयिक हैं। उन्होंने भारत, भूटान, श्रीलंका और मालदीव में दो बार राजदूत के रूप में काम किया है। उनका पहला कार्यकाल 2010 से 2015 तक रहा और दूसरा कार्यकाल दिसंबर 2024 में समाप्त हुआ।
भारत में इतना समय बिताने के बाद उन्होंने कई मौकों पर पाकिस्तान को भारत की जमीन पर आतंक फैलाते देखा। उन्होंने कहा, “जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मैं दो अवधियों में 10 साल तक भारत में रहा हूं। हम आतंक को देखते रहे और उसका असर महसूस किया। जाहिर है, हम सभी जानते थे कि पाकिस्तान किसी न किसी तरह से आतंक के पीछे था। आप तर्क दे सकते हैं कि पाकिस्तान में अलग-अलग चेहरे हैं, राजनीतिक और सैन्य भी। लेकिन, जब बात आतंक की आती है, तो दो चेहरे नहीं हो सकते। सिर्फ एक ही बदसूरत चेहरा है। हम जानते हैं कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ बहुत सारे आतंकी हमलों को भड़काता रहा है। दुख की बात है कि पहलगाम में हुई इस घटना के बाद, आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त और समन्वित प्रतिक्रिया के लिए वास्तव में समय आ गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान को भी आड़े हाथों लिया जाना चाहिए।”