- नशों के खात्मे के लिए समाज के हर वर्ग से सहयोग की अपील
- प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्रों की भी जवाबदेही तय की जाएगी
- नशा तस्करों को सख्त चेतावनी – “या तो नशे का कारोबार छोड़ दो या फिर पंजाब छोड़कर चले जाओ”
- मालेरकोटला में नशों के खिलाफ चल रहे कार्यों की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ बैठक
चंडीगढ़/मालेरकोटला, 6 मार्च
पंजाब में सत्ता संभालने से पहले हमारी पार्टी ने जो गारंटियां लोगों को दी थीं, वे सभी गारंटियां पूरी की जा रही हैं। अब पंजाब सरकार ने राज्य को नशा मुक्त करने का संकल्प लिया है। इस अभियान के तहत नशे की चपेट में आए व्यक्तियों का इलाज कराकर उन्हें स्वस्थ समाज का हिस्सा बनाया जाएगा।
यह विचार आज पंजाब के पर्यटन, संस्कृति, निवेश प्रोत्साहन, उद्योग एवं व्यापार, ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने स्थानीय डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में शुरू की गई “युद्ध नशों के विरुद्ध” मुहिम राज्य को नशा मुक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। इस अभियान में समाज के हर वर्ग के लोगों को सहयोग देना होगा।
मंत्री ने कहा कि प्राइवेट नशा छुड़ाओ केंद्रों की भी जवाबदेही तय की जाएगी। केंद्रों के प्रबंधकों को यह बताना होगा कि उन्होंने कितने नशा पीड़ितों का इलाज किया है।
उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार नशा पीड़ितों को मुख्यधारा में लाने के लिए विभिन्न प्रयास कर रही है। नशा छुड़ाने के बाद इन व्यक्तियों को सरकार की योजनाओं के तहत रोजगार प्रशिक्षण दिया जाएगा और आर्थिक सहायता देकर स्वरोजगार शुरू करवाया जाएगा।
तरुणप्रीत सिंह सौंद ने अपील की कि यदि किसी परिवार का सदस्य नशे की चपेट में है, तो उसे सरकारी नशा छुड़ाओ केंद्र में लाया जाए। सरकार वादा करती है कि उनके परिवार के सदस्य को नया जीवन जीने का मौका दिया जाएगा।
मंत्री ने नशा तस्करों को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वे नशे का कारोबार छोड़ दें या फिर पंजाब छोड़कर चले जाएं। जो लोग युवाओं को गलत राह पर ले जा रहे हैं, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। तस्करों की अवैध संपत्तियों को जब्त किया जाएगा ताकि कोई भी दोबारा नशे का कारोबार न कर सके।
अधिकारियों के साथ मीटिंग दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि शहरी इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, मेडिकल स्टोरों की नियमित जांच की जाए, निजी नशा छुड़ाओ केंद्रों की नियमित चेकिंग की जाए, गांवों में जागरूकता नाटकों का आयोजन किया जाए और स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता बोर्ड लगाए जाएं।
डिप्टी कमिश्नर विराज एस तिडके ने जिले में चल रहे कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया और आश्वासन दिया कि पंजाब सरकार के अभियान को जिले में सफल बनाया जाएगा। जिला पुलिस प्रमुख गगन अजीत सिंह ने बताया कि जिला पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में 18 मामलों से संबंधित कथित आरोपियों की 13.3 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। इस से पहले उन्हें जिला मलेरकोटला में पहली बार पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ हॉनर दिया गया।
इस मौके पर विधायक डॉ. जमीला उर रहमान, विधायक प्रो. जसवंत सिंह गज्जनमाजरा, जिला पुलिस प्रमुख गगन अजीत सिंह, जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन साकिब अली राजा, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर सुखप्रीत सिंह सिद्धू और नवदीप कौर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।