President Draupadi Murmu Speech: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार (24 जनवरी) को राष्ट्र को संबोधित कर रहीं हैं.
President Draupadi Murmu Speech: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार (24 जनवरी) को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है. उन्होंने इस दौरान लोकतंत्र, संविधान, इसरो, सेना और युवाओं सहित कई बाताों का जिक्र किया.

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि हमारे गणतंत्र का 75वां साल हमारे गणतंत्र का पचहत्तरवां वर्ष, कई अर्थों में, देश की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव है. उन्होंने कहा, ”लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है, इसीलिए भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ कहा जाता है”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं देश को शुभकामनाएं देती हूं. कल के दिन हम संविधान के प्रारंभ का उत्सव मनाएंगे. संविधान की प्रस्तावना हम लोग से शुरू होती है. ये शब्द हमारे संविधान के मूल भाव को रेखांकित करते हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से कहीं अधिक पुरानी है, इसीलिए भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ कहा जाता है.
उन्होंने आगे कहा कि हमारा देश स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ते हुए अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है. हमारे गणतंत्र का पचहत्तरवां वर्ष कई अर्थों में, देश की यात्रा में एक ऐतिहासिक पड़ाव है.
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना. हमें अपने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों पर सदैव गर्व रहा है, लेकिन अब ये पहले से कहीं अधिक ऊंचे लक्ष्य तय कर रहे हैं और उनके अनुरूप परिणाम भी हासिल कर रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम’, महिला सशक्तीकरण का एक क्रांतिकारी माध्यम सिद्ध होगा.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार ने 81 करोड़ से अधिक लोगों को अगले पांच साल तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. संभवत:, इतिहास में यह अपनी तरह का सबसे बड़ा जन-कल्याण कार्यक्रम है.
राष्ट्रपति ने क्या कहा?
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत को ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने में अग्रणी योगदान देते हुए और Global Climate Action को नेतृत्व प्रदान करते हुए देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता होती है.