Thursday, June 19, 2025
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दिल्ली में मच्छरों का आतंक, बारिश से वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन के बढ़े मामले, ऐसे रखें खुद को सुरक्षित

Delhi Health Issues: दिल्ली में डेंगू, कोविड-19, टायफायड, लेप्टोस्पिरोसिस, मलेरिया, और चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बढ़ाई चिंता.

Dengue, Malaria And Chikungunya In Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में जुलाई और अगस्त में मानसूनी बारिश की वजह से वायरल और बेक्टीरियल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. मरीजों की संख्या ने दिल्ली के डॉक्टरों को सकते में डाल दिया है. हालांकि, दिल्ली सरकार स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बात कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन दिल्ली के प्रमुख निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की मानें तो दिल्ली में मौसमी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के मामले में हालत चिंताजनक हैं. 
 
दिल्ली में मानसूनी बारिश की वजह से डेंगू, कोविड-19, टायफायड, लेप्टोस्पिरोसिस, मलेरिया, खांसी, जुकाम, बुखार,  इन्फ्लूएंजा, वायरल हेपेटाइटिस और चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या में वृद्धि ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश के कारण डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में 30 से 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 
 
इंफेक्शन के लिए मानसूनी बारिश जिम्मेदार

दिल्ली के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के मौसम की शुरुआत से ही मामलों में बड़ी वृद्धि हुई है. अगस्त में 26 दिनों तक बारिश हुई, जो पिछले 14 वर्षों में दर्ज की गई नमी के स्तर से बहुत अधिक है. बारिश की वजह से उत्पन्न ने इस बीमारी को आसानी से फैलने में मदद की है. 

टीओआई डॉ. रोमिल टिक्कू के हवाले से बताया है कि बुखार के साथ आने वाले लगभग 70 प्रतिशत मरीज या तो डेंगू या फ्लू के साथ आ रहे हैं. मरीजों की संख्या के लिहाज से देखें तो स्थिति और भी खराब हो रही है. अब दिल्ली के पड़ोसी राज्यों से COVID-19 के मामले आ रहे हैं. लोगों चाहिए कि टाइफाइड और डेंगू के मामले को गंभीरता से लें.

लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षणों को समझना जरूरी

एम्स के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. नीरज निचल के मुताबिक लेप्टोस्पायरोसिस के मामलों में खास तौर पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में तेजी देखी गई है, जहां संक्रमण की दर हमेशा से तेज होती है. लेप्टोस्पायरोसिस लक्षणों में बुखार, दस्त, पीलिया और किडनी और लीवर में संक्रमण शामिल हैं. अगर इसका इलाज न किया जाए, तो लेप्टोस्पायरोसिस दिमागी बुखार और अंगों के काम करना बंद करने जैसी बड़ी समस्याओं या मौत का भी कारण बन सकता है. 

जागरूक बनें और बरतें ये सावधानी 

दिल्ली के चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि मौसमी ​बीमारियों से बचने के लिए पानी या साबुन से हाथ ठीक से साफ करें. वायरल और बेक्टीरियल इंफेक्शन लक्षण वाले लोगों से दूरी बनाकर रखें. सांस लेने में दिक्कत होने पर मास्क पहनें. सुबह और शाम के समय मच्छरों से बचने के लिए घर का दरवाजा बंद कर रखें और सोते समय नेट का इस्तेमाल करें. बाथरूम, कूलर, घर व आसपास के क्षेत्रों को साफ रखें. घर के अंदर या बाहर पानी जमा न होने दें. 

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