शाहिद लतीफ बहुत साल पहले ही पाकिस्तानी आतंकियों की पनाह में जा बैठा था. वो वहीं बैठकर भारत के खिलाफ अपने नापाक मंसूबे पूरे करता रहा. उसने हमारे मुल्क के खिलाफ कई साजिशें की और उन्हें अंजाम तक पहुंचाया. अब भारत के इस मोस्ट वॉन्टेड की कहानी हमेशा के लिए खत्म हो गई.

विदेशी जमीन बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले आतंकी और गैंगस्टर्स इन दिनों अनजान कातिलों के हाथों मारे जा रहे हैं. इसी कड़ी में भारत का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी शाहिद लतीफ भी पाकिस्तान के पंजाब में मारा गया. उसके साथ उसके दो साथी भी मारे गए. शाहिद लतीफ का कत्ल ठीक वैसे ही अंजाम दिया गया, जैसे कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और कुख्यात गैंगस्टर सुखदूल सिंह सुक्खा का मर्डर किया गया था. आइए आपको बताते हैं शाहिद लतीफ के खात्म की पूरी कहानी.
कौन था शाहिद लतीफ?
शाहिद लतीफ उर्फ छोटा शाहिद भाई उर्फ नूर अल दीन का जन्म 1970 में हुआ था. उसके पिता का नाम अब्दुल लतीफ था. उसका परिवार मरकज़ अब्दुक्का बिन मुबारक, तहसील दस्का, जिला सियालकोट, पाकिस्तान का रहने वाला था. जबकि वो खुद मोरे अमीनाबाद, गुजरांवाला, पंजाब, पाकिस्तान का स्थायी निवासी था. वो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रमुख सदस्य था.
सुबह की नमाज पढ़ने गया था शाहिद लतीफ
शाहिद लतीफ बहुत साल पहले ही पाकिस्तानी आतंकियों की पनाह में जा बैठा था. वो वहीं बैठकर भारत के खिलाफ अपने नापाक मंसूबे पूरे करता रहा. उसने हमारे मुल्क के खिलाफ कई साजिशें की और उन्हें अंजाम तक पहुंचाया. अब भारत के इस मोस्ट वॉन्टेड की कहानी हमेशा के लिए खत्म हो गई. दरअसल, शाहिद लतीफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में दस्का इलाके में रहता था. वो पांच वक्त की नमाज पढ़ता था. लिहाजा, हर रोज की तरह वो बुधवार की सुबह फज्र की नमाज पढ़ने के लिए तड़के ही मेडकी चौक के पास मौजूद नूर मदीना मस्जिद में पहुंचा था. उसके साथ दो अन्य लोग भी मौजूद थे..