
बीते कुछ वर्षों में देश में हवाई यात्रियों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफा हुआ है, लेकिन ऊंची लागत, भारी कर्ज और संचालन से जुड़ी चुनौतियों के कारण नई एयरलाइंस का प्रवेश आसान नहीं रहा। इसी बीच केंद्र सरकार ने भारतीय उड्डयन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और यात्रियों को अधिक विकल्प देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने दो नई विमानन कंपनियों—AI Hindi Air और FlyExpress—को परिचालन की मंजूरी दे दी है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दोनों कंपनियों को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया है।
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब इंडिगो समेत कई एयरलाइंस पर परिचालन का दबाव बढ़ा है और घरेलू विमानन बाजार में प्रतिस्पर्धा सीमित होती जा रही थी। यात्रियों की बढ़ती मांग के बावजूद नई कंपनियों के सामने आर्थिक और तकनीकी चुनौतियां बड़ी बाधा बनी हुई थीं। ऐसे में सरकार का यह कदम मौजूदा कंपनियों के दबदबे को कम करने और बाजार में संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश की Shankh Air को भी एनओसी मिल चुका है और उसके 2026 से वाणिज्यिक उड़ानें शुरू करने की उम्मीद है। फिलहाल देश के घरेलू विमानन क्षेत्र में केवल नौ एयरलाइंस सक्रिय हैं, जबकि अक्टूबर में Fly Big के परिचालन बंद करने के बाद यह संख्या और घट गई थी। वर्तमान में भारतीय विमानन बाजार पर इंडिगो और एयर इंडिया समूह का दबदबा है।
आंकड़ों के मुताबिक इंडिगो अकेले करीब 65 प्रतिशत घरेलू बाजार पर कब्जा किए हुए है, जबकि एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ मिलकर यह हिस्सेदारी लगभग 90 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। ऐसे में नई एयरलाइंस की एंट्री से प्रतिस्पर्धा बढ़ने, टिकट दरों में संतुलन आने, सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और यात्रियों को बेहतर विकल्प मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। कुल मिलाकर, AI Hindi Air, FlyExpress और Shankh Air के आने से आने वाले वर्षों में भारतीय विमानन उद्योग को नई रफ्तार मिलने की संभावना है।

