
MGNREGA Replacement: केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को समाप्त कर उसकी जगह ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ यानी VBGRAM नाम से नई योजना लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस नई योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 करने का प्रस्ताव रखा गया है।
सरकार की योजना के अनुसार, नई स्कीम में फंडिंग पैटर्न में भी बड़ा बदलाव किया जाएगा। जहां पहले केंद्र और राज्य सरकार के बीच खर्च की हिस्सेदारी 90:10 थी, वहीं अब इसे बदलकर 60:40 करने की तैयारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार को यह अधिकार होगा कि वह किन क्षेत्रों में इस योजना को लागू करना चाहती है। वहीं, राज्य सरकारों को फसल कटाई के मौसम के दौरान दो महीने तक योजना को अस्थायी रूप से रोकने की छूट दी जा सकती है।
सरकार का कहना है कि पिछले दो दशकों में मनरेगा ने ग्रामीण परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया है, लेकिन बदलते सामाजिक और आर्थिक हालात के चलते इसमें सुधार जरूरी हो गया था। नए मिशन का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और 2047 के ‘विकसित भारत’ लक्ष्य के तहत गांवों के समग्र विकास को गति देना है।
नई योजना के तहत ऐसे वयस्क ग्रामीण, जो बिना किसी विशेष कौशल के काम करने को तैयार होंगे, उन्हें साल में 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जाएगी। इससे पहले मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीणों को 100 दिनों के रोजगार का प्रावधान था। सरकार का दावा है कि यह बदलाव ग्रामीण रोजगार व्यवस्था को अधिक प्रभावी और टिकाऊ बनाएगा।

