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Monday, December 15, 2025
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Compulsory Military Training: किन देशों में सेना की ट्रेनिंग अनिवार्य? जानिए नियम के पीछे का कारण

Mandatory Military Service: दुनिया के कई देशों में अनिवार्य सैन्य सेवा का नियम लागू है, जिसे कॉन्स्क्रिप्शन कहा जाता है। इस व्यवस्था के तहत नागरिकों को एक तय उम्र, आमतौर पर 18 वर्ष के बाद, कानूनी रूप से सैन्य प्रशिक्षण लेना होता है। यह नियम कई लोगों को चौंकाता जरूर है, लेकिन कई देशों के लिए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र निर्माण का अहम हिस्सा माना जाता है। आइए जानते हैं कि किन देशों में यह सिस्टम लागू है और इसके पीछे की वजह क्या है।

किन देशों में मिलिट्री ट्रेनिंग अनिवार्य है?
इजराइल अनिवार्य सैन्य सेवा का सबसे प्रमुख उदाहरण माना जाता है। लगातार सुरक्षा चुनौतियों और कम जनसंख्या के कारण यहां पुरुषों को लगभग 32 महीने और महिलाओं को करीब 24 महीने की सैन्य सेवा करनी होती है। अधिकांश नागरिक इजराइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) के जरिए ट्रेनिंग लेते हैं, जिसे देश की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी माना जाता है।

दक्षिण कोरिया में उत्तर कोरिया के साथ लंबे समय से चले आ रहे तनाव के चलते अनिवार्य सैन्य सेवा लागू है। यहां हर स्वस्थ पुरुष को सेना, नौसेना या वायु सेना में 18 से 21 महीने तक सेवा देनी होती है। इस नियम में छूट बहुत सीमित है और मशहूर हस्तियों व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी इसका पालन करना पड़ता है।

उत्तर कोरिया में दुनिया की सबसे लंबी अनिवार्य सैन्य सेवा प्रणालियों में से एक मौजूद है। यहां पुरुषों को करीब 10 साल और महिलाओं को लगभग 5 साल तक सेवा करनी होती है। यह व्यवस्था देश की राजनीतिक विचारधारा और सख्त राज्य नियंत्रण को दर्शाती है। वहीं रूस में 18 से 30 वर्ष की उम्र के पुरुषों को एक साल की सैन्य सेवा करनी होती है। इस सिस्टम का मकसद एक मजबूत रिजर्व फोर्स तैयार करना है, जो संकट या युद्ध के समय काम आ सके।

इसके अलावा ब्राजील, स्विट्जरलैंड, ग्रीस, ईरान, तुर्की और थाईलैंड जैसे देशों में भी किसी न किसी रूप में अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण का प्रावधान मौजूद है।

क्यों बनाया गया यह नियम?
अनिवार्य सैन्य सेवा के पीछे सबसे बड़ा कारण राष्ट्रीय सुरक्षा है। जिन देशों को बाहरी खतरों, शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों या भू-राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ता है, वे बड़ी और प्रशिक्षित रक्षा शक्ति बनाए रखने के लिए इस सिस्टम पर निर्भर रहते हैं। कम आबादी वाले देशों के लिए यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि युद्ध की स्थिति में पर्याप्त प्रशिक्षित नागरिक उपलब्ध हों।

इसके साथ ही, यह सिस्टम एक मजबूत ट्रेंड रिजर्व फोर्स तैयार करता है। सेवा पूरी करने के बाद भी नागरिक सैन्य रिजर्व का हिस्सा बने रहते हैं और आपात स्थिति में तुरंत तैनात किए जा सकते हैं। इससे किसी भी संकट के दौरान प्रतिक्रिया समय काफी कम हो जाता है।

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