उत्तराखंड के पौड़ी जिले के थलीसैंड ब्लॉक के पैठाणी गांव में स्थित राहु मंदिर राहु की पूजा के लिए प्रसिद्ध है. यहां राहु की पूजा भगवान शिव के साथ की जाती है और इसे इंद्रेश्वर मंदिर भी कहा जाता है.

ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया का ग्रह कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि अगर यह दोनों ग्रह कुंडली में सही स्थिति में हो तो सफलता और तरक्की देते हैं. वहीं, गलत स्थिति में हो तो जीवन में कष्ट, भ्रम और परेशानियां बढ़ जाती हैं. ऐसे में लोग राहु की शांति के लिए उन मंदिरों के दर्शन करते हैं, जहां खास तौर पर राहु-केतु की पूजा की जाती है. आज हम आपको राहु के बेहद भव्य 8 मंदिरों के बारे में बताते हैं.

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के थलीसैंड ब्लॉक के पैठाणी गांव में स्थित राहु मंदिर राहु की पूजा के लिए प्रसिद्ध है. यहां राहु की पूजा भगवान शिव के साथ की जाती है और इसे इंद्रेश्वर मंदिर भी कहा जाता है. मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां भगवान विष्णु ने राक्षस स्वरभानु का सिर और धड़ अलग किया था. वहीं इस मंदिर तक पहुचने के लिए पौड़ी जिले के पैठाणी गांव की सड़क से आसानी से पहुंचा जा सकता है.

उत्तराखंड के पौड़ी जिले के थलीसैंड ब्लॉक के पैठाणी गांव में स्थित राहु मंदिर राहु की पूजा के लिए प्रसिद्ध है. यहां राहु की पूजा भगवान शिव के साथ की जाती है और इसे इंद्रेश्वर मंदिर भी कहा जाता है. मान्यता है कि यह वही स्थान है जहां भगवान विष्णु ने राक्षस स्वरभानु का सिर और धड़ अलग किया था. वहीं इस मंदिर तक पहुचने के लिए पौड़ी जिले के पैठाणी गांव की सड़क से आसानी से पहुंचा जा सकता है.

तमिलनाडु के कुंभकोणम के पास स्थित थिरुनागेश्वरम गांव में स्थित थिरुनागेश्वरम मंदिर राहु पूजा के लिए बहुत प्रसिद्ध है. यह भगवान शिव को समर्पित है और नौ ग्रहों खासकर राहु से जुड़ा हुआ माना जाता है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको पहले तमिलनाडु जाना होगा फिर वहां से कुंभकोणम जाकर लोकल बस या टैक्सी से आसानी से पहुंचा जा सकता है.

वहीं आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के पास स्वर्णमुखी नदी के किनारे स्थित श्री काल हस्ती मंदिर में राहु और केतु की विशेष पूजा की जाती है. इस मंदिर में कई शिवलिंग स्थापित है और इसे दक्षिण के पंचतत्व लिंगों में वायु तत्व लिंग माना जाता है, जिसे पुजारी भी स्पर्श नहीं कर सकते हैं. इस मंदिर तक आप आंध्र प्रदेश से गाड़ी या ट्रेन से भी पहुंच सकते हैं.

वहीं तमिलनाडु के तिरुनागेश्वरम में स्थित तिरुनागेश्वरम नागनाथर मंदिर राहु स्तलम के नाम से भी जाना जाता है और राहु पूजा के लिए बहुत खास माना जाता है. इस मंदिर में होने वाली राहुकाल पूजा बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है. वहीं इस मंदिर तक आप तंजावुर और कुंभकोणम से आसानी से पहुंच सकते हैं.


