
धर्मेंद्र के निधन के बाद उनकी करीब 450 करोड़ की संपत्ति सभी छह बच्चों—सनी, बॉबी, ईशा और अहाना समेत—और पहली पत्नी के बीच बराबर बांटी जाएगी। हालांकि अहाना देओल ने पहले ही साफ किया था कि उन्हें पिता की दौलत नहीं, बल्कि उनकी एक खास निशानी विरासत में चाहिए।
एक पुराने इंटरव्यू में अहाना ने बताया था कि वह अपने पिता की पहली कार—फिएट—को विरासत में लेना चाहेंगी। उनके अनुसार यह कार सिर्फ वाहन नहीं, बल्कि पिता की अनगिनत यादों का खजाना है। उन्होंने कहा था कि इस कार से उनका भावनात्मक जुड़ाव गहरा है और इसे पाना उनके लिए बेहद खास होगा।
धर्मेंद्र से मिले जीवन के सबक पर बात करते हुए अहाना ने बताया था कि पिता ने उन्हें हमेशा प्यार से जीना, खुश रहना और मजबूत बने रहना सिखाया। उनके मुताबिक यह सीख सुनने में भले सरल लगे, लेकिन इसकी गहराई बहुत ज्यादा है।
अहाना ने बचपन का एक यादगार किस्सा भी साझा किया था। उन्होंने बताया था कि जब वे महज छह साल की थीं, धर्मेंद्र लोनावला के फार्महाउस जा रहे थे। विदा लेने आए तो अचानक उन्होंने पिता के साथ चलने की इच्छा जताई, और धर्मेंद्र ने बिना देर किए उनका बैग पैक करवाया और उन्हें अपने साथ ले गए। रास्ते भर उन्होंने अहाना को अपनी गोद में बैठाए रखा। अहाना के अनुसार यह पल आज भी उनकी सबसे खूबसूरत यादों में से एक है।

