
Mokshada Ekadashi 2025: उत्पन्ना एकादशी के बाद आने वाली मोक्षदा एकादशी की तारीख और महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी के बाद मोक्षदा एकादशी आती है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया जाता है। मोक्षदा एकादशी का व्रत सूर्योदय से प्रारंभ होकर अगले दिन सूर्योदय तक रहता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना, कथा पाठ और दान-पुण्य करने से माना जाता है कि जीवन के कठिन कर्म भी सरल हो जाते हैं और आत्मा को शांति एवं मुक्ति की प्राप्ति होती है।
मांगलिक और धार्मिक मान्यता के अनुसार, मोक्षदा एकादशी का पालन करने से मन, वचन और कर्म से हुए पापों का नाश होता है और भक्तों को धन, स्वास्थ्य और मानसिक शांति का लाभ भी मिलता है। विशेष तौर पर इस दिन तुलसी के पत्तों से भगवान विष्णु की पूजा, ध्यान और भजन करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है।

