पाकिस्तान के आतंकी संगठन इत्तिहाद उल मुजाहिदीन पाकिस्तान (IMP) ने जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर को पत्र लिखकर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ संयुक्त जिहाद की पेशकश की है.

पाकिस्तान ने 90 के दशक में अफगानिस्तान और कश्मीर में जिहाद के नाम पर कई आतंकी संगठनों को जन्म दिया था, किसी का बेस पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में था तो किसी का पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत में है. आगे चल कर ISI की तरफ से पोषित आतंकियों के बीच खुद का एक आतंकी संगठन बनने की होड़ चल पड़ी. 2000 का दशक आते आते जहां एक तरफ पाकिस्तान में लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और अल बद्र जैसे भारत विरोधी आतंकी संगठन मजबूत हुए.
इन्हीं आतंकी संगठनों से निकले टॉप कमांडरों ने अपना एक नया पाकिस्तान विरोधी आतंकी संगठन खड़ा कर लिया. जिसका नाम तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) रखा गया. काफी समय के बाद TTP आतंकी संगठन के भी कई धड़े बने जैसे इत्तिहाद उल मुजाहिदीन पाकिस्तान (IMP), जैश ए फुरकान पाकिस्तान. ये लोग लगभग हर रोज पाकिस्तान की सेना को निशाना बना रहे हैं और इस साल अकेले IMP के हमले में 70 से ज़्यादा पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो चुकी है.
पाकिस्तानी सेना पर हमला करने की पेशकश – आतंकी संगठनों की नई साजिश
आतंकी नेटवर्क के भीतर एक बड़ा मोड़ सामने आया है। बीते गुरुवार को पाकिस्तान के आतंकी संगठन इत्तिहाद उल मुजाहिदीन पाकिस्तान (IMP) ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को चिट्ठी लिखकर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ संयुक्त जिहाद की पेशकश की है।
IMP के टॉप कमांडर वजीर मुल्ला नोबहार अल-मुहाजिर ने “दावत-ए-जिहाद” शीर्षक से लिखी इस चिट्ठी में मसूद अजहर से कहा है कि जब तक पाकिस्तान में निजाम-ए-मुस्तफ़ा लागू नहीं होता, तब तक कश्मीर में जिहाद संभव नहीं है। इसलिए उन्हें IMP के साथ मिलकर पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ जिहाद करना चाहिए।
मुल्ला नोबहार ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि उसने मसूद अजहर की कई जिहादी किताबें पढ़ी हैं और उनसे गहराई से प्रभावित है।
IMP और मसूद अजहर का जुड़ाव पुराना
इत्तिहाद उल मुजाहिदीन पाकिस्तान (IMP) का प्रमुख हाफिज गुल बहादुर कभी मसूद अजहर के करीबी रह चुके हैं। शुरुआती दौर में उन्होंने बन्नू स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण लिया था, जिसे ISI ने 1980 के दशक में स्थापित किया था।
अफगानिस्तान से लौटने के बाद हाफिज गुल बहादुर ने मसूद अजहर के साथ मिलकर भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। वह मीरानशाह और दत्ता खेल से आतंकियों की भर्ती कर कश्मीर और अफगानिस्तान भेजता था।
दोनों संगठनों की विचारधारा देवबंदी पंथ पर आधारित है। अब भी IMP को हर साल जैश-ए-मोहम्मद से प्रशिक्षित आतंकियों की आपूर्ति मिलती है, जिनमें से लगभग 60% अफगानिस्तान भेजे जाते हैं और बाकी कश्मीर में सक्रिय होते हैं।
TTP से पुराने रिश्ते
लाल मस्जिद कांड के बाद जब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का गठन हुआ, तो उसका एक धड़ा तहरीक-ए-तालिबान पंजाब नाम से सक्रिय हुआ, जिसे जैश के पूर्व कमांडर असमतुल्लाह मुवैया चलाता था।
मसूद अजहर की मध्यस्थता से 2014 में यह धड़ा भंग हो गया और मुवैया दोबारा जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया। वर्तमान में वह जैश की शूरा का सदस्य है और पीओके के कोटली जिले के बराली कैंप का संचालन करता है। साथ ही IMP और TTP जैसे समान विचारधारा वाले संगठनों से संपर्क बनाए रखता है।
पाकिस्तान के लिए बढ़ती मुश्किल
सूत्रों के मुताबिक, IMP पैसों के बदले आतंकियों की सप्लाई करता है। यदि मसूद अजहर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेता है और जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोलता है, तो यह पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा संकट बन सकता है।

