
रामायण की शूटिंग के दौरान नहीं मना पाए दिवाली, जानिए क्यों टीवी के राम और सीता को करना पड़ा बड़ा त्याग
रामानंद सागर की ‘रामायण’ भारतीय टेलीविजन का ऐतिहासिक शो साबित हुआ, लेकिन इस सफलता के पीछे कलाकारों ने कई व्यक्तिगत बलिदान दिए। आज, जब देशभर में 20 नवंबर को दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है, ‘रामायण’ एक बार फिर लोगों की यादों में ताजा हो गई है। अरुण गोविल (राम) और दीपिका चिखलिया (सीता) जैसे कलाकारों ने अपने दमदार अभिनय से हर दिल जीत लिया था, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस शो की शूटिंग के दौरान वे चार वर्षों तक दिवाली जैसा बड़ा त्योहार भी नहीं मना सके।
सफलता के पीछे छुपा त्याग
दीपिका चिखलिया ने एक इंटरव्यू में बताया कि ‘रामायण’ की शूटिंग लगभग चार साल तक चली, और इस दौरान सभी कलाकारों को अपने निजी जीवन से दूर रहना पड़ा। त्योहारों में भी कोई छुट्टी नहीं मिलती थी, और काम की प्राथमिकता इतनी अधिक थी कि दिवाली जैसे पर्व भी सिर्फ यादों तक सीमित रह गए।
लोकेशन की दूरी बनी बड़ी वजह
दीपिका के अनुसार, शो की शूटिंग महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के उमरगांव गांव में होती थी। यह स्थान मुंबई से काफी दूर था, और लंबे शूटिंग शेड्यूल के चलते कलाकारों को वहीं के आसपास ठहराया गया था। शूटिंग की व्यस्तता और दूरी के कारण घर जाना लगभग नामुमकिन था। सिर्फ अभिनेता ही नहीं, बल्कि सेट पर काम करने वाले तकनीकी स्टाफ और अन्य सदस्य भी घर नहीं लौट पाते थे।
एकजुटता से निभाया हर किरदार
इस कठिन समय में पूरी टीम ने एकजुट होकर न सिर्फ शो को पूरा किया, बल्कि उसे ऐतिहासिक बना दिया। दिवाली भले ही घर से दूर मनी हो, लेकिन ‘रामायण’ की टीम ने अपने समर्पण और मेहनत से हर भारतीय के दिल में रोशनी भर दी।

