
डॉलर के मुकाबले फिर मजबूत हुआ रुपया, एक महीने के उच्चतम स्तर 87.88 पर पहुंचा
सोमवार, 20 अक्टूबर को विदेशी पूंजी प्रवाह, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और घरेलू शेयर बाजार की मजबूती के चलते भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे की बढ़त के साथ 87.88 पर पहुंच गया, जो बीते एक महीने का उच्चतम स्तर है।
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी मार्केट में रुपया 87.94 पर खुला और सीमित दायरे में कारोबार करते हुए 87.95 के निचले स्तर और 87.88 के उच्चतम स्तर तक गया। यह स्तर शुक्रवार के बंद भाव 88.02 से 14 पैसे ऊपर है।
इस मजबूती के पीछे घरेलू शेयर बाजार का उत्साहजनक प्रदर्शन भी एक प्रमुख कारण रहा। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 668.88 अंक चढ़कर 84,621.07 और निफ्टी 202.25 अंक बढ़कर 25,912.50 पर पहुंच गया।
बाजार खुला, महंगाई पर राहत की उम्मीद
सोमवार को शेयर बाजार और करेंसी मार्केट खुले रहे। मंगलवार, 21 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन के अवसर पर 1.45 बजे से 2.45 बजे तक विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन आयोजित किया जाएगा।
इस बीच, डॉलर इंडेक्स 0.02% की मामूली बढ़त के साथ 98.45 पर रहा, जबकि ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.31% गिरकर 61.10 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई, जो रुपये के लिए सकारात्मक संकेत है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली में गिरावट
मार्केट विशेषज्ञों के अनुसार, त्योहारी सीजन में ऑटोमोबाइल और घरेलू वस्तुओं की बिक्री में तेजी, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) की लगातार खरीदारी और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली में गिरावट रुपये को सपोर्ट दे रही है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार, “FII की हालिया गतिविधियों में सकारात्मक बदलाव देखा गया है। अब वे लगातार बिकवाली की बजाय धीरे-धीरे खरीदारी की ओर बढ़ रहे हैं।”
मजबूत रुपये के फायदे
रुपये में मजबूती से देश को कई मोर्चों पर लाभ मिलता है। इससे आयात बिल कम होता है, खासकर कच्चे तेल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उत्पादों के दाम नियंत्रित रहते हैं, जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सकता है। साथ ही, विदेशी कर्ज का बोझ हल्का होता है, राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण रहता है और विदेशी निवेश को भी बढ़ावा मिलता है।

