अमृतसर, 28 सितम्बर — अमरोहा फाउंडेशन के प्रधान फरमान हैदर व उनकी पूरी टीम ने रविवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर ज़रूरतमंदों की मदद के लिए राहत सामग्री वितरित की। इस दौरान डॉ. सुभाष थोबा की टीम ने भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा कार्यों में भाग लिया। राहत वितरण के इस कार्यक्रम में शाहाबाद नकावी मोहम्मद शकीन, गदर नकावी, अनु नकावी और नवाब हैदर, इसदास टोनी, दर्शन माहल bunty Nijjar विशेष रूप से मौजूद रहे।
बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मुश्किलों को देखते हुए फाउंडेशन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मिलकर ज़रूरत की चीज़ें लोगों तक पहुँचाने का प्रयास किया। राहत सामग्री में खासतौर पर कम्बल, मच्छदानियां, लेडीज़ सूट, बच्चों के कपड़े और महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड शामिल थे। इन वस्तुओं का वितरण बड़ी संवेदनशीलता और व्यवस्थित ढंग से किया गया ताकि हर ज़रूरतमंद तक मदद पहुँच सके।
फाउंडेशन के प्रधान फरमान हैदर ने इस अवसर पर कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे लोगों की मदद करना इंसानियत का फर्ज़ है। उन्होंने कहा कि अमरोहा फाउंडेशन लगातार सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहा है और भविष्य में भी ऐसे नेक कार्यों को प्राथमिकता देगा। उन्होंने समाज के सक्षम लोगों से अपील की कि वे भी इस प्रकार के कार्यों में आगे आएं और अपने हिस्से का योगदान दें।
डॉ. सुभाष थोबा ने कहा कि संकट की घड़ी में समाज का हर वर्ग आगे बढ़कर हाथ बढ़ाए तो किसी भी मुश्किल का सामना करना आसान हो जाता है। उन्होंने अमरोहा फाउंडेशन की टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित परिवारों को कुछ राहत और संबल प्रदान करेगी।
मौके पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी कहा कि यह केवल सामग्री बांटने का कार्य नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि समाज मिलकर किसी भी आपदा का सामना कर सकता है। बच्चों और महिलाओं के चेहरे पर राहत सामग्री मिलने के बाद जो मुस्कान आई, वह इस प्रयास को सफल बनाने के लिए पर्याप्त थी।
गाँव के बुजुर्गों ने भी फाउंडेशन और अन्य स्वयंसेवकों की प्रशंसा की और कहा कि ऐसे समय में जब लोग अपने परिवार को लेकर चिंतित रहते हैं, तब समाजसेवियों का इस तरह आगे आना काबिले-तारीफ है।
कार्यक्रम के अंत में सभी ने इस संकल्प के साथ कार्य समाप्त किया कि बाढ़ प्रभावितों की मदद केवल एक बार की पहल तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि लगातार प्रयास जारी रखे जाएंगे। अमरोहा फाउंडेशन और डॉ. सुभाष थोबा की टीम ने मिलकर यह उदाहरण प्रस्तुत किया कि जब इंसानियत जागती है, तो कोई भी आपदा इंसानों की हिम्मत और एकजुटता को हरा नहीं सकती।
यह राहत कार्य न केवल मदद पाने वालों के लिए उपयोगी साबित हुआ, बल्कि समाज में आपसी भाईचारे और सहयोग की मिसाल भी बन गया।

