रूस ने दावा किया है कि यूक्रेनी नौसेना का सबसे बड़ा टोही जहाज ‘सिम्फेरोपोल’ नौसैनिक ड्रोन हमले में डूब गया है। यह जहाज 2014 के बाद लॉन्च हुआ सबसे बड़ा यूक्रेनी युद्धपोत था।रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से चल रहे युद्ध के ठीक होने का नाम नहीं ले रहा है. रूस ने जमीन के बाद अब समंदर को लक्ष्य बनाया है. उसने यूक्रेन की नौसेना के जहाज पर गुरुवार (28 अगस्त) को हमला किया. नौसेना के इस टोही जहाज के डूबने की खबर है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि यह जहाज लगुना-श्रेणी का मध्यम आकार का था, जिसमें रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक, रडार और ऑप्टिकल उपकरण थे. ये टोही मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया था. हमला डन्युब नदी के डेल्टा क्षेत्र में हुआ, जिसका एक हिस्सा यूक्रेन के ओडेसा क्षेत्र में स्थित है. रूसी मीडिया आरटी ने इस घटना की पुष्टि की.यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया है कि जहाज पर हमला हुआ था, जिसमें एक चालक दल के सदस्य की मौत हो गई है। कई नाविक घायल हो गए हैं। यूक्रेनी प्रवक्ता के अनुसार, हमले के बाद की स्थिति से निपटने के प्रयास जारी हैं। अधिकांश चालक दल सुरक्षित हैं, लेकिन कई लोग लापता हैं।
सिम्फेरोपोल की खासियत
सिम्फेरोपोल को 2019 में लॉन्च किया गया था और इसे 2021 में यूक्रेनी नौसेना में शामिल किया गया था। इसका मुख्य विशेषता यह है कि यह 2014 के बाद कीव के द्वारा लॉन्च किया गया सबसे बड़ा जहाज है। यह विशेष रूप से टोही और निगरानी मिशनों के लिए उपयोग किया जाता है और इसे अत्याधुनिक सेंसर और रडार से लैस बनाया गया है। एक रूसी टेलीग्राम चैनल ने इसे यूक्रेन की नौसेना की क्षमता पर एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा है।
समुद्री ड्रोन का पहला सफल प्रयोग
रूसी मीडिया TASS के अनुसार, यह पहली बार था जब किसी नौसैनिक जहाज को समुद्री ड्रोन से सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया था. यह घटना दिखाती है कि आधुनिक युद्ध में मानवरहित नौसैनिक प्रणालियों (Naval Drones) कितनी प्रभावशाली हो रही हैं.
रूस-यूक्रेन संघर्ष में ड्रोन युद्ध का बढ़ता असर
हाल के महीनों में रूस ने नौसेना ड्रोन और अन्य अस्वीकृत प्रणालियों के उत्पादन में तेजी लाई है। ड्रोन अब इस युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। रूस ने दावा किया कि उसने कीव में एक मुख्य ड्रोन फैक्ट्री पर मिसाइल हमला किया। यह स्थान कथित रूप से तुर्की के बायरकटार ड्रोन के उत्पादन की तैयारी कर रहा था। इससे स्पष्ट है कि युद्ध में अब हवाई और नौसेना ड्रोन की महत्वपूर्णता तेजी से बढ़ रही है।
