Indian Currency: बुधवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूती दिखाते हुए 87.07 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.08 प्रतिशत बढ़कर 98.30 पर पहुंच गया।
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Indian Rupee vs US Dollar: घरेलू बाजार में सकारात्मक माहौल और ट्रंप टैरिफ को लेकर जारी तनाव के बीच भारतीय रुपया लगातार मजबूती दिखा रहा है। गुरुवार के शुरुआती कारोबार में रुपया 14 पैसे की तेजी के साथ डॉलर के मुकाबले 86.93 के स्तर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों का मानना है कि रूस-यूक्रेन विवाद में शांति की उम्मीदों ने वैश्विक बाजारों में निवेशकों के जोखिम उठाने की क्षमता को बढ़ाया है, जिससे रुपये को मजबूती मिली है।
रुपये में क्यों मजबूती?
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 87.04 के स्तर पर खुला। इसके बाद यह 86.93 प्रति डॉलर के शुरुआती उच्च स्तर तक पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव से 14 पैसे की मजबूती दर्शाता है। बुधवार को भी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 87.07 पर मजबूत बंद हुआ था। वहीं, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की स्थिति को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.08 प्रतिशत बढ़कर 98.30 पर पहुंच गया।
शेयर बाजार में तेजी
घरेलू शेयर बाजार में भी तेजी का सिलसिला जारी रहा। बीएसई का 30 अंकों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 373.33 अंक की बढ़त के साथ 82,231.17 अंक पर पहुंच गया। वहीं, एनएसई का निफ्टी 50 भी 94.3 अंकों की बढ़त के साथ 25,144.85 अंक पर कारोबार कर रहा था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतें 0.37 प्रतिशत बढ़कर 67.09 डॉलर प्रति बैरल हो गईं। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) बिकवाल रहे और उन्होंने कुल मिलाकर 1,100.09 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
रुपये की मजबूती के प्रमुख कारण
रूस और यूक्रेन के बीच शांति की संभावनाओं ने वैश्विक बाजारों में जोखिम लेने की प्रवृत्ति (Risk Appetite) को बढ़ावा दिया है। हालांकि डॉलर इंडेक्स में हल्की तेजी देखी गई, लेकिन भारतीय रुपया मजबूती बनाए रखने में सफल रहा। घरेलू शेयर बाजार में भी तेजी का रुख बना रहा, जबकि कच्चे तेल (Brent Crude) की कीमतें स्थिर रहीं। इसके बावजूद कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बिकवाली की, घरेलू निवेशकों का सेंटिमेंट सकारात्मक बना हुआ है।
