West Bengal SIR:मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल बिहार में एसआईआर के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं। इस दौरान उन्होंने बंगाल एसआईआर को लेकर भी जानकारी दी.

पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया शुरू करने के बारे में चुनाव आयोग ने रविवार (17 अगस्त 2025) को उत्तर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि एक उचित समय देखकर पश्चिम बंगाल में एसआईआर कराने का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे वह पश्चिम बंगाल में हो या देश के अन्य राज्यों में, इसकी तारीखों की घोषणा उचित समय पर की जाएगी।
जल्दबाजी में SIR शुरू कराने पर क्या बोला चुनावा आयोग?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “एक भ्रम यह फैलाया जा रहा है कि एसआईआर में हड़बड़ी क्यों हो रही है? चुनाव से पहले ही मतदाता सूची को शुद्ध करना आवश्यक होता है. यह बात चुनाव आयोग नहीं, बल्कि लोक प्रतिनिधित्व कानून कह रहा है. यह चुनाव आयोग का कानूनी दायित्व है. फिर यह विचार किया जा रहा है कि बिहार के 7 करोड़ से अधिक मतदाताओं तक चुनाव आयोग पहुंच पाएगा. यह सच्चाई आज आपके सामने है. 24 जून से जब यह कार्यवाही शुरू हुई तो यह पूरी प्रक्रिया करीब 20 जुलाई तक ही सम्पन्न हो गई।”
‘भारत का नागरीक ही करेगा विधायक-सांसद का चुनाव’
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया, “मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि भारत के संविधान के अनुसार केवल भारत के नागरिक ही विधायक, सांसद का चुनाव कर सकते हैं। किसी अन्य देश के नागरिकों को यह अधिकार नहीं है। अगर किसी को इस बारे में शंका है तो उनकी पात्रता साबित करने के लिए कुछ दस्तावेज़ मांगे गए हैं, जिनकी 30 सितंबर तक पूरी जांच होगी और ऐसे मामलों में गहन जांच के दौरान वहाँ ऐसे व्यक्ति पाए जाएंगे जो हमारे देश के नागरिक नहीं हैं और उनका वोट निश्चित रूप से गिना नहीं जाएगा।”
‘क्यों लगाए जा रहे वोट चोरी के आरोप’
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, “जब चुनाव की सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया और कोई चुनाव याचिका दायर नहीं की गई तो वोट चोरी के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं. दोहरे मतदान और वोट चोरी के निराधार आरोपों से न तो निर्वाचन आयोग और न ही मतदाता भयभीत हैं. यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल और उनके नेता बिहार में एसआईआर के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं.”