बॉलीवुड में इन दिनों हॉरर फिल्मों का जमकर क्रेज देखने को मिल रहा है। हाल के वर्षों में ‘शैतान’, ‘मुंज्या’, ‘भूतनी’ और ‘तुम्बाड’ जैसी फिल्मों ने दर्शकों को खूब सिहराया है। लेकिन आज हम आपको 45 साल पुरानी एक ऐसी फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जो रिलीज होते ही अपने डायरेक्टर के लिए एक बड़ा श्राप साबित हुई। आइए जानें, क्या था इस फिल्म के पीछे की सच्चाई।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं साल 1980 में रिलीज हुई फिल्म ‘गहराई’ की। इस फिल्म में एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरे के साथ दिग्गज अभिनेता अमरीश पुरी, अनंत नाग, श्रीराम लागू और इंद्राणी मुखर्जी भी नजर आए थे। फिल्म का निर्देशन अरुणा राजे ने किया था। हैरानी की बात ये है कि फिल्म बनाने के दौरान कई लोगों ने उन्हें इसे बनाने से मना किया था, क्योंकि कहानी काले जादू पर आधारित थी। अरुणा राजे ने इस फिल्म के लिए कई तांत्रिकों से भी संपर्क किया था, जिसके कारण फिल्म को लेकर लोगों में काफी डर और संशय था।
लेकिन अरुणा राजे ने सभी चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए फिल्म ‘गहराई’ को पूरी मेहनत और लगन से पूरा किया। हालांकि, फिल्म रिलीज होने के बाद इसका असर उनके असली जीवन पर काफी नकारात्मक पड़ा। हाल ही में उन्होंने बॉलीवुड क्रिप्ट को दिए एक इंटरव्यू में इस घटना से जुड़ा खुलासा किया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया।
अरुणा ने बताया, “जब मैं अपने परिवार के साथ बेंगलुरु में रहती थी, तो मेरी मां रोज़ाना हमारे गार्डन में कुछ न कुछ ढूंढती रहती थीं। उस समय काला जादू करना आम था, खासकर राजनीति के क्षेत्र में। मेरे पिता भी राजनीति से जुड़े थे, इसलिए हमारे बगीचे में ऐसी चीजें मिलना सामान्य बात थी। इसी अनुभव से प्रेरित होकर मैंने काले जादू पर फिल्म बनाने का फैसला किया।”
उन्होंने आगे बताया, “फिल्म के लिए मैंने गहन रिसर्च की थी। इसी दौरान मैं एक ऐसी लड़की से मिली, जिस पर एक अजीब सा साया था। उसे देखकर मुझे महसूस हुआ कि ये बातें सच में मौजूद हैं। लेकिन जब फिल्म बनकर रिलीज हुई, तो मेरी जिंदगी में कई दुखद घटनाएं घटीं — मेरा तलाक हो गया और मेरी 9 साल की बेटी का कैंसर से निधन हो गया। इसके अलावा, फिल्म देखने के बाद कई लोगों ने हमसे संपर्क किया और बताया कि उन्हें भी अजीब परेशानियां हो रही हैं। वे हमारी मदद चाहते थे और तांत्रिकों के नंबर मांगते थे।”