नई दिल्ली –
भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को बिहार मतदाता सूची संशोधन के विरोध में विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना की और उन पर गुंडागर्दी का सहारा लेने का आरोप लगाया ताकि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों समेत विदेशी लोगों को चुनाव में वोट देने का अधिकार मिल सके। बता दें कि बिहार में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी और तख्तियां लहराकर लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करने पर मजबूर कर दिया।
विपक्ष ने एसआईआर के मुद्दे पर किया विरोध-प्रदर्शन
संसद भवन परिसर में विपक्ष के तमाम सांसदों ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे को लेकर जोरदार तरीके से प्रदर्शन किया है। इस दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव समेत कई बड़े चेहरे इस प्रदर्शन में शामिल रहे। विपक्षी सांसद संसद के मकर द्वार की सीढ़ियों पर जमा हुए और एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ नारे लगाए। उनका आरोप था कि यह चुनावों में हेराफेरी के समान है। उन्होंने ‘एसआईआर: भारतीय अधिकारों की चोरी’ और ‘एसआईआर: भारतीय गणराज्य को नुकसान पहुंचाना’ लिखे हुए पेपर भी पकड़ रखे थे।
भाजपा ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि विपक्ष इस प्रक्रिया का विरोध इसीलिए कर रहा है क्योंकि वह बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को भी वोटिंग अधिकार दिलवाना चाहता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘भारत कोई धर्मशाला नहीं है। संविधान के अनुसार केवल भारतीय नागरिक ही वोट डाल सकते हैं। फिर जांच से आपत्ति क्यों?’ उन्होंने दावा किया कि बिहार के अररिया, किशनगंज और पूर्णिया जिलों में जनसंख्या से ज़्यादा आधार कार्ड बने हैं। क्या ये नहीं जांचा जाना चाहिए कि कोई व्यक्ति एक से ज्यादा बूथ पर वोटर तो नहीं?’
संसद में हंगामा और कार्यवाही स्थगित
विपक्षी सांसदों ने लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करवा दी। वे लगातार नारेबाजी करते रहे- ‘एसआईआर वापस लो!”संविधान से खिलवाड़ बंद करो!’ जिसे लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी विपक्ष पर साधा निशाना और कहा ‘विपक्ष संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव बना रहा है ताकि संस्थाएं उनके इशारे पर चलें। यह संविधान की खुली अवहेलना है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की मंशा है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को भी भारत में वोटिंग का अधिकार मिले।