जालंधर (पंजाब)। दुनिया के सबसे उम्रदराज धावक, 114 वर्षीय फौजा सिंह रविवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पंजाब के जालंधर जिले के ब्यास पिंड गांव में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनके बेटों ने उन्हें मुखाग्नि दी। देश और दुनियाभर के लाखों प्रशंसकों की आंखें इस मौके पर नम थीं। सुबह 9 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक फौजा सिंह का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां भारी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई, और गांव के श्मशान घाट पर पूरे सम्मान के साथ उनका दाह संस्कार किया गया।
नेताओं ने दी अंतिम विदाई, प्रधानमंत्री कार्यालय से भी आया शोक संदेश
इस मौके पर मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, और कई अन्य राजनीतिक, सामाजिक एवं खेल जगत की हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी।मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की कि—”गांव के स्टेडियम में फौजा सिंह का बुत स्थापित किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उनसे प्रेरणा ले सकें।”

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से भी फौजा सिंह के परिवार को शोक संदेश भेजा गया, जिसमें उन्हें राष्ट्रीय गौरव और प्रेरणा पुरुष बताया गया।
एक हादसे ने छीन लिया पंजाब की दौड़ती आत्मा को
फौजा सिंह की मृत्यु एक दुखद सड़क हादसे के चलते हुई। बीते सप्ताह जब वे अपने घर से 120 मीटर की दूरी पर हाईवे पार कर रहे थे, उसी दौरान एक फॉर्च्यूनर कार (PB20C-7100) ने उन्हें टक्कर मार दी। कार NRI अमृतपाल सिंह ढिल्लों (27 वर्ष, निवासी कपूरथला) चला रहा था।हादसे में फौजा सिंह बुरी तरह घायल हो गए और इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
जालंधर देहात पुलिस ने हादसे के 30 घंटे के भीतर भोगपुर के पास से आरोपी अमृतपाल और वाहन को कब्जे में लेकर उसे गिरफ्तार किया। कोर्ट में पेश करने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
एक युग का अंत — लेकिन प्रेरणा अमर
फौजा सिंह का जीवन मानव संकल्प, स्वस्थ जीवनशैली और नशामुक्त सोच का आदर्श उदाहरण रहा। वे 100 वर्ष की उम्र के बाद भी मैराथन में हिस्सा लेते रहे। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है और दुनियाभर में वे “टर्बन टॉरनेडो” के नाम से पहचाने जाते थे।
दिसंबर 2024 में ‘नशा मुक्त – रंगला पंजाब’ पदयात्रा के दौरान उन्होंने पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ कदम से कदम मिलाकर यात्रा की थी। 114 वर्ष की उम्र में भी उनका उत्साह और जज़्बा देखने लायक था।
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने सरदार फौजा सिंह को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
— अंतिम संस्कार में शामिल होकर व्यक्त की गहरी संवेदना
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने आज विश्वविख्यात मैराथन धावक सरदार फौजा सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा—“सरदार फौजा सिंह केवल एक महान एथलीट नहीं थे, बल्कि वे अद्भुत साहस, अनुशासन और दृढ़ संकल्प के प्रतीक थे। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए आशा की एक अमिट किरण बना रहेगा।”
राज्यपाल कटारिया ने आगे कहा कि स्वस्थ और नशामुक्त पंजाब के लिए फौजा सिंह जी की सोच और सक्रिय भागीदारी आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने याद किया कि दिसंबर 2024 में ‘नशा मुक्त – रंगला पंजाब’ पदयात्रा के दौरान उन्हें फौजा सिंह जी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जो उनके जीवन के गौरवपूर्ण क्षणों में से एक था।
“राज्यपाल ने फौजा सिंह जी के परिजनों एवं विश्वभर में फैले उनके असंख्य प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और ईश्वर से उनकी पुण्य आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की। “फौजा सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं, पर उनकी प्रेरणा, विचार और जीवंतता हमेशा हमारे साथ बनी रहेगी।”