जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अहमदाबाद प्लेन क्रैश की आधिकारिक जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाकर केंद्र सरकार के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। उन्होंने इस भयावह हादसे की पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक आयोग गठित करने की मांग की है। गहलोत ने आरोप लगाया कि पायलटों को बलि का बकरा बनाना सबसे आसान है, क्योंकि वे अपना पक्ष रखने के लिए जीवित नहीं हैं। पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके गहलोत ने कहा कि हादसे के एक महीने बाद भी मीडिया और सोशल मीडिया में इस पर लगातार चर्चा चल रही है और आधिकारिक रिपोर्ट ने आमजन के मन में और भी शंकाएं बढ़ा दी हैं।

उन्होंने कहा कि एक इतने अनुभवी और स्वस्थ पायलट जानबूझकर फ्यूल स्विच क्यों बंद करेगा, यह बात समझ से परे है। गहलोत ने कहा कि 260 लोगों की जान आखिर क्यों गई, यह जानने का हक हर देशवासी को है।
उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया कि इस आयोग में भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों और एविएशन सेक्टर के विशेषज्ञों को शामिल किया जाए, ताकि हर पहलू की निष्पक्ष जांच हो सके और हवाई यात्रा पर आमजन का भरोसा फिर से कायम हो सके। उनका यह बयान सीधे तौर पर सरकार की आधिकारिक जांच रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, जिससे यह मुद्दा अब एक राजनीतिक विवाद का रूप ले रहा है।