नई दिल्ली। भारतीय सेना द्वारा आतंकियों के खिलाफ किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर उपसेना प्रमुख (क्षमता विकास एवं संधारण) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस सैन्य अभियान के दौरान भारत तीन स्तर पर दुश्मनों से जूझ रहा था – पाकिस्तान अग्रिम मोर्चे पर था, चीन तकनीकी और रणनीतिक सहायता दे रहा था, जबकि तुर्किए ने भी अहम भूमिका निभाई। दिल्ली में फिक्की द्वारा आयोजित “न्यू एज मिलिट्री टेक्नोलॉजीज” कार्यक्रम में बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ने खुलासा किया कि पाकिस्तान की सैन्य ताकत का 81% हिस्सा चीनी तकनीक पर आधारित है और चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए “लाइव अपडेट्स” और इंटेलिजेंस” मुहैया करवाईं।

उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की एयर डिफेंस प्रणाली बेहद प्रभावशाली रही, लेकिन भविष्य में जनसंख्या केंद्रों की सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “इस बार हमारी कुछ सीमाएं थीं, लेकिन अगली बार हमें पूरी तैयारी के साथ उतरना होगा।”
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने कहा कि भारत के पास एक “छिपा हुआ पंच” था, जो अगर इस्तेमाल होता तो पाकिस्तान की स्थिति और भी खराब हो जाती। इसी आशंका ने पाकिस्तान को युद्धविराम की मांग करने पर मजबूर किया। उन्होंने भारतीय सेना की रणनीतिक योजना, लक्ष्यों के चयन और इंटेलिजेंस एकत्र करने के तरीकों की खास सराहना की। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 21 संभावित टारगेट्स की पहचान की गई थी, जिनमें से 9 प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया गया। अंतिम निर्णय अभियान शुरू होने से ठीक पहले लिया गया, और सटीक हमलों से आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया। गौरतलब है कि यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी लॉन्चपैड्स को निशाना बनाया। इस जवाबी कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, लेकिन भारतीय वायु रक्षा तंत्र ने इन्हें हवा में ही निष्क्रिय कर दिया।