Tuesday, June 24, 2025
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फ़सली विभिन्नता को बढ़ावा देगा 9.50 करोड़ रुपए की लागत वाला चिल्ली प्रोसेसिंग प्लांट

•5 टन प्रति घंटे की क्षमता वाला प्लांट अबोहर में सितम्बर 2025 तक होगा कार्यशील: गुरमीत सिंह खुड्डियां

•पंजाब की लाल मिर्च पेस्ट की माँग के कारण पैगरैकसको ने वैश्विक स्तर पर मिर्च पेस्ट निर्यात करने का निर्धारित किया लक्ष्य: फूड प्रोसेसिंग मंत्री

•19 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर मिर्च की पैदावार के साथ फ़िरोज़पुर बना अग्रणी

चंडीगढ़, 8 जून पंजाब के कृषि और फूड प्रोसेसिंग मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि राज्य में फ़सली विभिन्नता को उत्साहित करने और किसानों की आमदन बढ़ाने के यत्नों के अंतर्गत पंजाब सरकार द्वारा सितम्बर 2025 तक अबोहर में 9.50 करोड़ रुपए की लागत वाला चिल्ली प्रोसेसिंग प्लांट तैयार किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि पंजाब एग्री एक्सपोर्ट निगम लिमटिड (पैगरैकसो) द्वारा प्रति घंटा पाँच टन क्षमता वाला यह चिल्ली प्रोसेसिंग प्लांट एक एकड़ ज़मीन पर स्थापित किया जा रहा है। इससे राज्य के कृषि क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा।

स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि किसानों को प्रोसेसिंग के लिए उचित अधिक-उपज वाली मिर्च की किस्में उगाने के लिए उत्साहित करने स्वरूप मिर्च की काश्त अधीन क्षेत्र हर साल बढ़ रहा है। साल 2024 तक, पंजाब में मिर्च की काश्त अधीन क्षेत्र 10,614 हेक्टेयर था, जो हाल ही के सालों में सबसे अधिक रिकार्ड किया गया क्षेत्र है, जिसमें से 21,416 मीट्रिक टन उपज हुई। मिर्चों के उत्पादन में फ़िरोज़पुर ज़िला अग्रणी रहा, इसके बाद पटियाला, मालेरकोटला, संगरूर, जालंधर, तरन तारन, अमृतसर, एस. बी. एस. नगर और होशियारपुर हैं। फ़िरोज़पुर का औसतन उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 19 मीट्रिक टन रहा, जो क्षेत्र में अपनाये जा रहे कुशल खेती अभ्यासों और किसानों की दूरदर्शिता को दर्शाता है।

फूड प्रोसेसिंग मंत्री ने कहा कि पैगरैकसो द्वारा स्थापित मार्किटिंग नैटवर्क की मदद के साथ सीधी किसानों और ऐगरीगेटरों से मिर्ची खरीदी जाती हैं। यह निगम पंजाब की लाल मिर्च के पेस्ट को बड़े स्तर पर निर्यात करता है। पंजाब की मिर्चों की उच्च गुणवत्ता और तीखे स्वाद के कारण साल दर साल इसकी माँग में विस्तार हो रहा है, जिससे किसानों को प्रोसेसिंग के लिए लाल मिर्चों की काश्तकारी करने की ओर अधिक उत्साह मिला है।

मिर्चों की काश्त पंजाब की कृषि विभिन्नता के एक महत्वपूर्ण हिस्से के तौर पर उभरी है, जिससे किसानों को गेहूँ और धान जैसी रिवायती फसलों की जगह एक लाभदायक विकल्प मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य की अनुकूल खेती- जलवायु स्थितियों ने रणनीतिक तौर पर पंजाब को मिर्चों के उत्पादन और प्रोसेसिंग में एक प्रमुख काश्तकार के तौर पर उभारा है।

स. खुड्डियां ने कहा कि पंजाब अब मध्य पूर्वी और अफ़्रीकी कैरेबियन देशों समेत अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में भी लाल मिर्चों के पेस्ट का बड़े स्तर पर निर्यात कर रहा है। उन्होंने आगे कहा पैगरैकसको का लक्ष्य है कि पंजाब की लाल मिर्च का पेस्ट वैश्विक स्तर पर निर्यात किया जाये। निगम की मार्किटिंग टीम बढ़ती माँग को पूरा करने और दुनिया भर में उत्पाद को उत्साहित करने के लिए प्रदर्शनियाँ और मेलों में पंजाब की तीखे स्वाद वाली मिर्चों को सक्रियता से प्रदर्शित कर रही है।

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