
फतेहगढ़ साहिब, 02 अप्रैल: पंजाब में चावल की गैर-अनुशंसित संकर किस्मों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। यदि कोई इन्हें बेचता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह जानकारी मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. गुरनाम सिंह ने दी। उन्होंने कहा कि गिरते भूजल स्तर को बचाने के उद्देश्य से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना द्वारा किसानों को कम समय में पकने वाली चावल की किस्मों की बुवाई करने की सिफारिश की जाती है। उन्होंने जिले के किसानों से अपील की कि वे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा विकसित किस्मों की खेती को प्राथमिकता दें, क्योंकि ये किस्में कम समय में तैयार हो जाती हैं, जिससे पानी की बचत होती है।
मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि इन किस्मों के विपणन में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे केवल पंजीकृत बीज विक्रेताओं से ही बीज खरीदें तथा उसका बिल अवश्य लें। उन्होंने कहा कि अनुशंसित किस्मों की गुणवत्ता की जांच के लिए बीज विक्रेताओं से नमूने एकत्र किए जा रहे हैं ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराए जा सकें। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिले में बीज विक्रेताओं की जांच के लिए ब्लॉक स्तर पर तैनात अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे चावल के गैर-अनुशंसित संकर बीज न बेचें।