Friday, November 15, 2024
spot_img

Latest Posts

महाराष्ट्र चुनाव में भतीजे अजित को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार की तस्वीरों के इस्तेमाल पर लगाई रोक

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी पिछले साल 2 हिस्सों में बंट गई थी. इस साल 7 फरवरी को चुनाव आयोग ने अजित पवार की पार्टी को असली एनसीपी माना था.

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर जारी प्रचार के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी (अजित पवार) से कहा है कि वह शरद पवार के वीडियो या तस्वीरों का इस्तेमाल न करे. शरद पवार अपने भतीजे अजित को ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. उन्हें इसमें तो सफलता नहीं मिल पाई है, लेकिन कोर्ट ने यह ज़रूर कहा कि अजित अपनी पार्टी के नेताओं को शरद की तस्वीरों का इस्तेमाल करने से रोकें.

जस्टिस सूर्य कांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने कहा, “हम नहीं समझते कि शरद पवार की तस्वीरों को देख कर मतदाताओं को कोई भ्रम होगा. गांव में रह रहा मतदाता भी जानता है कि चाचा और भतीजा अब अलग हो चुके हैं.” जजों ने शरद पवार के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि उन्हें मतदाताओं की समझ पर भरोसा रखना चाहिए.

शरद पवार के वीडियो और तस्वीरों पर रोक

अजित पवार के लिए पेश वरिष्ठ वकील बलबीर सिंह ने कहा कि आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के ज़रिए भी वीडियो बना दिए जा रहे हैं. वह हर वीडियो पर जवाब नहीं दे सकते. इस पर सिंघवी ने कहा कि जो वीडियो उन्होंने कोर्ट में रखा है उसे अजित पवार की पार्टी के एक प्रत्याशी ने जारी किया है. अजित की पार्टी शरद पवार की पहचान का फायदा उठाना चाह रही है.

अजित पवार के वकील ने कहा कि वह इस वीडियो के बारे में जानकारी जुटा कर जवाब दाखिल करेंगे. जजों ने कहा, “आप अपने नेताओं से कहिए कि वह शरद पवार के वीडियो या तस्वीरों का इस्तेमाल न करें. जब आप दोनों अलग हो चुके हैं, तो बेहतर होगा कि आप अपने दम पर राजनीति करें.”

अजित पवार की पार्टी पर शरद पवार की पहचान का लाभ उठाने का आरोप

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी पिछले साल 2 हिस्सों में बंट गई थी. इस साल 7 फरवरी को चुनाव आयोग ने अजित पवार की पार्टी को असली एनसीपी माना था. इसके चलते घड़ी चिन्ह अजित पवार के पास है. शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है. शरद पवार चाहते थे कि अगर वह घड़ी चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल नहीं कर सकते, तो अजित पवार भी ऐसा न कर सकें.

सुप्रीम कोर्ट ने अजित को घड़ी चिन्ह के इस्तेमाल से नहीं रोका. लेकिन उनसे अखबारों में विज्ञापन छपवा कर लोगों को यह बताने को कहा कि मामला अभी कोर्ट में है. बुधवार को हुई सुनवाई में अजित पवार के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने मामला न्यायालय में विचाराधीन होने की जानकारी देते हुए विज्ञापन प्रकाशित करवा दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी.

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.